आखिरकार अक्टूबर के 21वें दिन भाेपाल, इंदाैर संभागाें समेत प्रदेश के ज्यादातर इलाकाें से मानसून की विदाई हाे गई। पिछले साल की तुलना में इस बार मानसून 12 दिन पहले 16 जून काे आया था, लेकिन विदाई 10 दिन बाद हुई। माैसम केंद्र ने बुधवार काे मानसून की विदाई की आधिकारिक घाेषणा कर दी।
माैसम विशेषज्ञ एके शुक्ला ने बताया कि इस देरी का मुख्य कारण है- बंगाल की खाड़ी में लगातार कम दबाव के क्षेत्र बनना। इससे प्रदेश के ज्यादातर हिस्साें में बारिश हाेती रही। माैसम वैज्ञानिक जेपी विश्वकर्मा के मुताबिक मानसून वापसी यानी निर्गमन लाइन कूच बिहार, श्री निकेतन, रांची, मंडला, नरसिंहपुर, इंदाैर, वल्लभ नगर, विद्यानगर, पाेरबंदर से हाेकर गुजर रही है।
दीपावली तक रहेगी गुलाबी ठंड
माैसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया- दशहरे के बाद से रात के तापमान में 4 डिग्री तक कमी संभव है। नवंबर के दूसरे पखवाड़े में दीपावली तक रात के वक्त गुलाबी ठंड बनी रहेगी।
ऐसे तय हाेती है मानसून की विदाई
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक नमी कम हाे, हवा का रुख दक्षिण पश्चिमी से उत्तर पूर्वी, उत्तर पश्चिमी हाे, प्रति चक्रवात बने तो मानसून की विदाई तय मानी जाती है।
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