अवैध रेत उत्खनन पर लगाम लगाने के लिए शासन ने रेत खदानें आवंटित कर दी है। ठेकेदार द्वारा अभी खदानों का संचालन जिले में कुछ ही स्थानों पर किया जा रहा है लेकिन अभी तक पूर्ण रूप से खदान शुरू नहीं हुई है। जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान रेत व्यवसाय से जुड़े मजदूरों का हो रहा है। कार्य ठप होने व रोजगार प्रभावित होने के कारण इनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
गुरुवार को असंगठित क्षेत्र मजदूर संगठन बड़वाह दोपहर 12.30 बजे एसडीएम कार्यालय पहुंचा। जहां उन्होंने महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन तहसीलदार विवेक सोनकर को दिया। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से असंगठित क्षेत्र मजदूर जो रेत खदानों से जुड़ कर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं लेकिन खदान संचालकों द्वारा मनमानी किए जाने से क्षेत्र से जुड़े रोजी रोजगार जैसे भवन निर्माण, प्रधानमंत्री आवास निर्माण व अन्य सभी प्रकार के निर्माण कार्य मे लगे हजारों की संख्या मजदूर परिवार के रोजगार का संकट पैदा हो गया है। यदि इस रेत व्यवसाईयों द्वारा किसी अन्य जिले से रायल्टी की रेत लाई जा रही है तो उन लोगों पर धारा 379 के तहत चोरी का प्रकरण बनाकर प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा की असंगठित क्षेत्र मजदूर के रोजी रोजगार को ध्यान में रखते हुए खदान संचालकों द्वारा नियमित खदानों का संचालकों व रायल्टी का निर्धारण भी किया जाना आवश्यक है। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने बताया की मांगे नहीं सुनी तो आंदोलन करेंगे।
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