कोरोना काल में आए अधिक राशि के बिजली बिल अब तक माफ नहीं हुए हैं। इसके विरोध में सेवानिवृत्त सीएमएचओ डाॅ. अब्दुल रशीद पटेल 20 दिन से पुराने कलेक्टोरेट के बाहर धरना दे रहे हैं। अभी तक किसी भी जनप्रतिनिधि व अफसर ने उनसे चर्चा नहीं की है। वहीं सोमवार को जाग्रत आदिवासी दलित संगठन के सदस्यों ने धरना स्थल पहुंचकर उनके आंदोलन को समर्थन दिया।
डॉ. पटेल के धरना स्थल पर रोजाना लोग बिजली बिल की फोटोकॉपी ले जाकर शिकायतें बता रहे हैं। संगठन के सदस्यों ने बताया गरीब तबके के लोगों को कोरोना काल में दिए गए अधिक राशि के बिजली माफ होना चाहिए। कोरोना काल में लगे लॉकडाउन से छोटे-बड़े सभी व्यापारियों, मजदूरों सहित अन्य व्यवसायियों के काम, धंधे पूरी तरह ठप थे। इस अवधि में लोगों को जीवनयापन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। वहीं बिजली कंपनी द्वारा अधिक राशि के बिल थमाए गए। गरीब लोग इन बिलों का भुगतान करने में असमर्थ हैं।
डॉ. पटेल के साथ धरने पर बैठे पेंशनर्स संघ के अध्यक्ष विजयकुमार जैन ने बताया आंदोलन को 20 दिन हो गए हैं लेकिन अभी तक किसी जिम्मेदार ने धरना स्थल आकर चर्चा नहीं की है। इस दौरान संगठन के हरसिंह जमरे, सीताराम सस्ते, खिताबसिंह सोलंकी आदि मौजूद थे।
पट्टे के अधिकार के लिए जयस का धरना जारी
पात्र लोगों को पट्टे का अधिकार दिलाने की मांग को लेकर जयस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राजू पटेल तीन दिन से कलेक्टोरेट गेट पर धरना दे रहे हैं। सोमवार को जाग्रत आदिवासी दलित संगठन के सदस्यों ने उन्हें भी समर्थन दिया। जयस के ब्लॉक प्रभारी संतोष चौहान ने बताया संगठन सदस्यों ने डॉ. पटेल से चर्चा कर आदिवासियों को पट्टे देने की मांग को जायज बताया है।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3dGIdt3 October 20, 2020 at 05:10AM https://ift.tt/1PKwoAf
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