नामांकन वापसी के अंतिम दिन सोमवार को जिले की पांच सीटों में से 2 सीटों पर तीन प्रत्याशियों ने अपने-अपने नाम निर्देशन पत्र वापस ले लिए। इस तरह अब पांचों सीटों पर 67 प्रत्याशी मैदान में रह गए हैं, जिनके बीच मुकाबला होना है। सबसे अधिक 15-15 प्रत्याशी जौरा, अंबाह व मुरैना विधानसभा सीट से मैदान में हैं। वहीं सबसे कम 9 प्रत्याशी सुमावली सीट पर हैं। फॉर्म खिचने के बाद सभी सीटों पर चुनावी संघर्ष की तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो गई है। मुरैना व जौरा सीट पर भाजपा-कांग्रेस व बसपा के बीच त्रिकोणीय संघर्ष होगा। वहीं सुमावली व दिमनी सीटों पर भाजपा व कांग्रेस में सीधी टक्कर होगी। अंबाह एकमात्र ऐसी इकलौती सीट है जहां निर्दलीय मोंटी छारी के मैदान में उतरने से भाजपा, कांग्रेस व बसपा प्रत्याशियों के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं।
जौरा-मुरैना में भाजपा-कांग्रेस के लिए नुकसानदायक बसपा
जौरा विधानसभा सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय है। यहां भाजपा से पूर्व विधायक सूबेदार सिंह व कांग्रेस से पंकज उपाध्याय के अलावा बसपा से सोनेराम कुशवाह मैदान में हैं। दो बार के पूर्व विधायक सोनेराम कुशवाह यहां भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए ही मुसीबतें बढ़ा सकते हैं। इसी प्रकार मुरैना में कांग्रेस के राकेश मावई व भाजपा के रघुराज कंषाना गुर्जर समाज से हैं। इस सीट पर सबसे अधिक 50 हजार वोट गुर्जर समुदाय का है। शेष मुरैना शहर के वैश्य, ब्राह्मण व क्षत्रिय मतदाता यहां निर्णायक होते हैं। चूंकि यह तीनों ही कम्युनिटी शहर में रहती हैं, ऐसे में बसपा के रामप्रकाश राजौरिया इस बार दोनों ही प्रत्याशियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
दिमनी-सुमावली में भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर
दिमनी सीट से भाजपा के राज्यमंत्री गिर्राज डंडौतिया व कांग्रेस से 3 बार चुनाव लड़ चुके रविंद्र भिड़ौसा मैदान में हैं। हालांकि इस सीट पर बसपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह कंषाना गुर्जर समाज के वोटों में सेंध लगाकर दोनों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। फिर भी यहां 50 हजार से अधिक क्षत्रिय व 30 हजार से अधिक ब्राह्मण वोटों के बीच सीधा मुकाबला होगा। कुछ ऐसा ही मिजाज सुमावली सीट का है। अभी तक यहां से गुर्जर व ठाकुर समाज के प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाते थे। लेकिन भाजपा प्रत्याशी ऐदल सिंह की परंपरागत सीट पर पहली बार कोई क्षत्रिय उम्मीदवार नहीं है। ऐसे में कुशवाह समाज के कांग्रेस प्रत्याशी अजब सिंह कुशवाह से उनकी सीधी टक्कर होगी। यहां गुर्जर व कुशवाह वोट सबसे अधिक हैं। लेकिन 50 हजार से अधिक
निर्दलीय राजीव ने एफबी पर समाजबंधुओं पर कसा तंज, बोले-मेरे बेटे को अपशब्द कहे
मुरैना विस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे राजीव शर्मा को ब्राह्मण समाज के लोगों द्वारा मनाने के सभी प्रयास सोमवार को विफल हो गए। रविवार को बसपा प्रत्याशी राजौरिया ने समाजबंधुओं के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त की तो समाज के लोग निर्दलीय राजीव शर्मा को मनाने उनके घर पहुंचे लेकिन राजीव घर मिले ही नहीं। इसके बाद से ही शहर में चर्चाएं थी कि शायद समाज के आह्वान पर राजीव पीछे हट जाएं। लेकिन उन्होंने अपने सोशल अकाउंट्स पर नाराजगी जताते हुए लिखा कि “कल मेरी अनुपस्थिति में कुछ लोग मेरे निवास पर आए और मेरे बच्चों से अभद्र भाषा का उपयोग करके गए। मेरे संस्कार गवाही नहीं देते कि उनकी भाषा में जबाव दूं’ साथ ही सोमवार को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि थी। लेकिन यह तिथि निकलने के बाद अब तय हो गया है कि राजीव शर्मा अपने कदम पीछे नहीं खीचेंगे।
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