जिले के प्रमुख पर्यटन स्थल हनुवंतिया में दो-दो करोड़ की लागत से दो हाउस बोट तैयार कराई गई थी। इसका उद्देश्य कमाई के साथ पर्यटकों को जलाशय के बीच पानी पर रात बिताने का रोमांच देना था। जलाशय पर तेज गति से चलने वाली हवा के कारण निगम का यह प्रयास असफल रहा। पानी के बीच खड़ी हाउस बोट काफी हिलने लगती थी, इस कारण खतरा बना रहता था। इसे देखते हुए दोनों हाउस बोट को गांधीसागर जलाशय भेजने का निर्णय लिया गया है।
क्रूज : नहीं मिल रहे पर्यटक
निगम ने पर्यटकों के लिए 3 करोड़ की लागत से मिनी क्रूज भी मंगवाया था। इसका उपयोग भी जल महोत्सव में ही हो पाता है। आम दिनों ने इतने पर्यटक नहीं पहुंच रहे कि क्रूज की सवारी कर सकें। संख्या कम होने से पर्यटक छोटी बोट में ही जलाशय की सैर कर लेते हैं।
कश्मीर की लकड़ी से बनी है बोट
कश्मीर की लकड़ी से दोनों हाउस बोट का निर्माण हनुवंतिया में ही कराया गया था। बोट में पार्टीशन कर तीन कमरे बनाए गए थे। इसमें तीन कपल एकसाथ पानी के बीच रात बिता सकते थे। दूसरे जल महोत्सव में हाउस बोट तैयार हो गई थी, लेकिन तेज हवा ने पर्यटन निगम की यह योजना फेल कर दी। निगम को इसकी बुकिंग बंद करना पड़ा। इन बोट का उपयोग पर्यटक सेल्फी लेने के लिए कर रहे हैं।
^हनुवंतिया में जलाशय पर तेज हवा से बड़ी लहरें उठती हैं। इससे बोट हिलने लगती है। इसे ज्यादा देर पानी के बीच खड़ा रखना जोखिमभरा हो सकता है। इस कारण दो साल से बुकिंग बंद कर दी है। दोनों हाउस बोट अब गांधीसागर शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। वहां पहुंचाने के बाद ही इनका मेंटेनेंस कराया जाएगा।
-अजय शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, पर्यटन निगम, इंदौर
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