(मुकेश माथुर) पार्टी, सत्ता, निष्ठा… जब इधर और उधर के राजनेता यह सब बदल रहे थे तो बदनावर के आदिवासी बहुल इलाके में विकास की गंगा बह रही थी। कैसे? एक ग्रामीण ने मर्म समझाया- हमारी सांसें चल रही हैं। यही हमारा विकास है।
पश्चिम में सूरज डूबता है और यहां ‘बदनावर-पश्चिम’ का मतलब है जिंदगी की बुनियादी जरूरतों में छाया अंधेरा। विधानसभा सीट के इस हिस्से में 170 गांव आते हैं। करीब 2 लाख लोग बसते हैं। प्रकृति ने भरपूर समृद्धि दी है। अगर नहीं दिया तो सरकारों ने। स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी...। पांचों जरूरतें हमेशा बनाकर रखी गईं, ताकि अगले चुनाव में इन्हें लाने का वादा किया जा सके। दूसरी तरफ आदिवासियों ने वोट देने में कोई कसर नहीं रखी। तब भी, जब अधिकतर प्रत्याशी बाहर के रहे, दूसरी जाति के रहे।
सांसें चलना ही विकास है, इसकी बानगी देखिए। बोरदा-बोरदी गांव। छोटा सा पुल इसे बाहरी दुनिया से जोड़ता है। नदी में पानी ज्यादा आ जाए तो यह रिश्ता टूट जाता है। हांडया कुंडया। 150 घर। स्वास्थ्य केन्द्र है, डॉक्टर नहीं। बदनावर जाना पड़ता है। गांवों के नाम दो शब्दों के युग्म हैं, लेकिन गांववालों के साथ कोई खड़ा नजर नहीं आता।
कराेड़ों का निवेश, पर हर गांव में बेराेजगाराें की भीड़
सीमेंट के बड़े प्लांट और विंडमील कपंनियों के करोड़ों के निवेश के बीच बेरोजगारों की भीड़। हर गांव में। हम बदनावर बस स्टैंड पर खड़े हैं। नजदीक आकर शांतिलाल जाट धीरे से कहते हैं- मेरे दो बेटे एमएससी हैं, दिला दो नौकरी। इन सबके बीच यहां भाजपा के संभावित प्रत्याशी राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का प्रचार अपनी गति से जारी है। जो अब तक 80 गांवों में घूम चुके हैं। दत्तीगांव कांग्रेस से विधायक रहे और अब भाजपा में हैं। कांग्रेस भी करना तो वही चाह रही थी जो भाजपा ने किया, लेकिन हो न सका। उसके पिछले भाजपा
प्रत्याशी भंवरसिंह शेखावत को लाकर दत्तीगांव के सामने खड़ा करने के सारे प्रयास विफल रहे। राजवर्धन की छवि, उनके परिवार के जुड़ाव आदि का फायदा भाजपा को मिलेगा। मंत्री उषा ठाकुर ने जरूर जयस (जय आदिवासी युवा संगठन) को राष्ट्रद्रोही संगठन कह कर दत्तीगांव की मुश्किलें बढ़ाई हैं। आदिवासी बहुल गांवों में इस पर नाराजगी साफ दिखाई दी। इधर, कांग्रेस में प्रत्याशी को लेकर ही असमंजस है। अभिषेक सिंह का टिकट बदलकर कमल पटेल को प्रत्याशी बनाया जाना तय माना जा रहा है। इस बारे में अभिषेक बोले- टिकट बदला गया, तब भी मैं पार्टी के लिए ही काम करूंगा।
जातिगत समीकरण
- आदिवासी 60 हजार
- राजपूत 30 हजार
- पाटीदार : 22 हजार
- कुल वोटर : 2.03 लाख
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