कोरोना मरीजों की जांच से लेकर इलाज में लापरवाहियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। आलम यह है कि कहीं, सैंपल लेने के दौरान मरीजों की जानकारी गलत दर्ज की जा रही है तो कहीं एक ही मरीज के नाम पर कई मरीजों की जानकारी दर्ज कर दी जा रही है।
सैंपल कलेक्शन में बरती जा रही इन लापरवाहियों के कारण कोरोना पॉजिटिव मरीजों को समय पर सही इलाज ही नहीं मिल पा रहा है। इससे भी ज्यादा खतरनाक स्थिति ये है कि कई मरीजों को यह पता ही नहीं चल पा रहा है कि वे पॉजिटिव हैं।
बड़ा सवाल... कैसे दर्ज हुए एक नाम के 6 मरीज
लापरवाही का सबसे बड़ा मामला रेलवे अस्पताल में देखने को मिला है। यहां 29 सितंबर को लिए गए सैंपल में 6 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की जानकारी किसी प्रतिज्ञा शर्मा के नाम से दर्ज कर दी गई, जबकि इन छह मरीजों में से चार तो पुरुष हैं। ये लिस्ट एक अक्टूबर को जारी हुई। बावजूद इसके जिम्मेदारों ने यह तक जानने की जहमत नहीं उठाई कि एक ही नाम से लगातार छह मरीज कैसे दर्ज हो गए?
आप बीती... मोबाइल नंबर किसी का, नाम किसी और का
मैं रेलवे में कर्मचारी हूं। 29 सितंबर को रेलवे अस्पताल में जांच कराई थी। अगले दिन फोन आना शुरू हुए तो मुझसे प्रतिज्ञा शर्मा के बारे में पूछा गया। पता व मोबाइल नंबर मेरा ही था, लेकिन अब तक कोई देखने नहीं आया है।
-केशव दास, निवासी रासलाखेड़ी
मेरे पास 10 दिन से बार-बार फोन आ रहे हैं। फोन करने वाले किसी इंदु ठाकुर और सुभाष भदौरिया के कोरोना पॉजिटिव होने के संबंध में बात करते हैं। पता भी मेरा ही लिखा गया है, जबकि हमारा इन दोनों ही लोगों से कोई संपर्क नहीं है। -डॉ. एके गुप्ता, अशोका गार्डन
बेबसी... ऐसा क्यों हुआ देखकर बता पाऊंगी
^एक ही मरीज के नाम पर दूसरे मरीजों की जानकारी दर्ज नहीं की जा सकती है। ऐसा क्यों हुआ, यह देखना पड़ेगा। मैं रिकॉर्ड देखने के बाद ही बता पाऊंगी।
-डॉ. आशा चिमानिया, सीएमसी, रेलवे हॉस्पिटल
देखना पड़ेगा, किस स्तर पर हो रही है गलती
^मरीज का सैंपल लेने के दौरान जो जानकारी दर्ज की जाती है वही फाइनल होती है। आगे के स्तर पर तो जांच रिपोर्ट उसकी जानकारी पर अपडेट होती है। यह देखना पड़ेगा कि गलती किस स्तर पर हो रही है।
-डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ
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