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ऑनलाइन पढ़ाई न कराना 131 शिक्षकाें काे पड़ा भारी, नाेटिस मिला ताे अब बच्चाें से ही सीख रहे फाेन चलाना

कोरोना संक्रमण के चलते बंद सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन पढ़ाई कराने की व्यवस्था शिक्षा विभाग ने शुरू की थी। लेकिन स्कूलों के तमाम शिक्षकों ने ऑनलाइन पढ़ाई में रुचि नहीं दिखाई। ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर नोटिस जारी कर जवाब तलब किया जा रहा है। शुरूआती दौर में 131 शिक्षकों को नोटिस जारी हुए हैं।

लापरवाही पर नोटिस जारी होने के बाद शिक्षक अलग-अलग तरह से अपनी परेशानियां गिना रहे हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में शिक्षकों ने गांव में नेटवर्क नहीं होने की समस्या बताई। कुछ शिक्षक ऐसे भी सामने आए जिन्हें एंड्राॅइड मोबाइल पर ऑनलाइन जानकारी भरना तो दूर लिंक तक खोलना नहीं आती।

कुछ शिक्षक अपने एक्सपर्ट साथी शिक्षकों से एंड्राॅइड फोन चलाना सीख रहे हैं। ताकि ऑनलाइन गतिविधियां समझकर समय के साथ खुद में बदलाव ला सकें। शिक्षक अन्य व्यवहारिक समस्याएं गिना रहे हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं हो पा रही है।

नोटिस जारी होने पर यह शिक्षक बोले- अभी 4-जी मोबाइल चलाना पूरी तरह नहीं आता
1. वलकिशोर स्वर्णकार, शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय करमाजकलां का कहना है कि देखिए मुझे अभी 4-जी मोबाइल चलाना पूरी तरह नहीं आता। मैं अपने बच्चों से या साथी शिक्षकों के सहयोग से ऑनलाइन जानकारी भर देता हूं।
2. कुवेर आदिवासी, शिक्षक प्राथमिक विद्यालय टीलाघाट का कहना है कि पहले मुझ पर एंड्रायड मोबाइल नहीं था। लेकिन अब मैंने यह मोबाइल भी ले लिया है। अब प्रक्रिया समझकर पूरी जानकारी भेजूंगा और इससे अपने वरिष्ठों को भी अवगत कराउंगा।

बदरवास छोड़ सभी बीआरसी ने शिक्षकों का डाटा नहीं दिया
डिजीलेप पर जानकारी नहीं भरने से पता चला कि शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई में रुचि नहीं ले रहे हैं। डीईओ ने हाई स्कूल और हायरसेकंड्री के 89 शिक्षकों को नोटिस जारी कर 3 दिन में जबाब मांगा हैं। जबकि डीपीसी ने मात्र 12 शिक्षकों को नोटिस दिए हैं, जो सभी बदरवास ब्लॉक के हैं। जबकि शिवपुरी, पोहरी, नरवर, करैरा, पिछोर, खनियाधाना, कोलारस डीपीसी ने शिक्षकों की जानकारी डीपीसी ऑफिस नहीं भिजवाई।

यहां बता दें कि जिले में शासकीय प्राथमिक विद्यालय 2252 संचालित हैं। वहीं माध्यमि विद्यालय 802 संचालित हैं। इसी तरह हाईस्कूल 150 और हायर सेकंड्री स्कूल 70 संचालित हो रहे हैं।

कई गांव ऐसे जहां नेटवर्क व लाइट नहीं
^जिले में कई गांव ऐसे हैं जहां नेटवर्क ही नहीं आता, शिक्षक कैसे मोबाइल पर जानकारी भरेगा। हाईस्कूल बामौर में किसी भी छात्र पर मोबाइल नहीं। शिक्षकों पर विभाग अनावश्यक दबाव डाल रहा है। जल्द स्कूल खोल दें, तभी पढाई सही ढंग से संभव है।
धर्मेंद्र सिंह रघुवंशी, जिलाध्यक्ष, शासकीय अध्यापक संगठन


बीआरसीसी ने ही जानकारी नहीं दी
^हमें अभी तक बदरवास छोड़कर कहीं के बीआरसीसी ने ऑनलाइन संबंधी कोई जानकारी मांगने के बाद भी नहीं दी। बदरवास बीआरसीसी ने दी थी इसलिए वहां 12 शिक्षकों को नोटिस जारी कर चुके हैं। अब हम बीआरसीसी से भी जबाब मांगेंगे कि उन्होंने अब तक क्या किया।
डीआर करण, डीपीसी शिवपुरी


शिक्षकों को नोटिस दिए
^सीएसी की रिपोर्ट मिलने पर अभी हमने शिवपुरी ब्लॉक के 32 शिक्षकों के ऑनलाइन जानकारी अपडेट न करने पर कारण बताओ नोटिस दिए हैं। इनके तीन दिन में जबाब आने पर हम जानकारी से अपने वरिष्ठों को अवगत कराएंगे।
अंगद सिंह तोमर, बीआरसीसी शिवपुरी


3 दिन में जवाब मांगा
^जिले के हाईस्कूल और हायरसेकंड्री स्कूल के 89 शिक्षकों से हमने नोटिस दिए हैं। उनसे 3 दिन में जवाब मांगा है कि आखिर उन्होंने क्यों वे ऑनलाइन जानकारी अपडेट नहीं कर सके। बीईओ से भी हमने जानकारी मांगी है।
दीपक पांडेय, डीईओ शिवपुरी



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पढ़ते हुए बच्चे। फाइल फोटो


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