राजधानी में कोरोना के 20 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं। इनमें से करीब 15 हजार मरीज कोरोना को हराकर घर पहुंच चुके हैं। लेकिन जो लोग स्वस्थ हो चुके हैं उनमें से अधिकतर प्लाज्मा डोनेट करने में वह रुचि नहीं ले रहे हैं। आलम यह है कि बीते पांच महीने में कोरोना से स्वस्थ हुए 250 मरीजों ने ही प्लाज्मा डोनेट करने हमीदिया ब्लड बैंक में कोविड एंटी बॉडी टेस्ट कराया है। इनमें से महज 185 के ब्लड में कोविड एंटी बॉडी मिली है, जिनमें से केवल 105 ने प्लाज्मा दान किया है। जबकि 80 कोविड एंटी बॉडी वाले स्वस्थ मरीज, ब्लड बैंक में दोबारा कोरोना का संक्रमण होने का खतरा बताकर प्लाज्मा डोनेट करने नहीं जा रहे हैं। यह खुलासा हमीदिया अस्पताल ब्लड बैंक की प्लाज्मा डोनेशन एवं रजिस्ट्रेशन रिपोर्ट में हुआ है।
एंटी बॉडी न बनने पर दोबारा टेस्ट की सलाह
हमीदिया अस्पताल ब्लड़ बैंक के प्रभारी डॉ. यूएम शर्मा ने बताया कि नई व्यवस्था के तहत अब कोरोना के स्वस्थ हुए उन्हीं मरीजों से प्लाज्मा डोनेट कराया जा रहा है, जिनमें कोविड की एंटी बाॅडी बन चुकी है। इसके लिए प्लाज्मा डोनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले कोरोना के स्वस्थ हुए मरीज के ब्लड का कोविड एंटी बॉडी टेस्ट , डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायॅलॉजी की लैब में कराया जा रहा है। डॉ. शर्मा, जिन कोरोना के स्वस्थ हुए मरीजों के ब्लड में कोविड एंटी बॉडी नहीं मिल रही, उन्हें दो सप्ताह से एक महीने बाद दोबारा कोविड एंटी बॉडी टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है।
22 डॉक्टर व सीआरपीएफ के 44 जवानों का खासा योगदान
डॉ. यूएम शर्मा ने बताया कि अब तक केवल 105 लोगों ने ही प्लाज्मा दिया है। खास बात यह है कि इनमें भी 44 सीआरपीएफ के जवान है और 22 डॉक्टर हैं। इस तरह देखा जाए ताे केवल 39 आम लोगों ने ही प्लाज्मा दिया है। वहीं 80 लोग ऐसे हैं, जिनमें कोरोना से लड़ने के लिए एंटी बाॅडीज बन गई है और प्लाज्मा डाेनेशन का रजिस्ट्रेशन भी कराया है। लेकिन, वह प्लाज्मा डाेनेट करने ब्लड बैंक नहीं आ रहे हैं।
हकीकत यह भी.. एसडीएम और स्वास्थ्य अमला लगाता है फोन
जिन लोगों में एंटी बाॅडी डेवलप हो गई है, उन्हें विभिन्न क्षेत्रों के एसडीएम के अलावा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी कॉल कर प्लाज्मा देने के लिए प्रेरित करते हैं। कई बार फाेन लगाने के बाद भी लोग या तो कॉल रिसीव नहीं करते या सीधे मना कर देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति मे एंटी बाॅडी बनने के बाद संबंधित व्यक्ति तीन माह में छह बार प्लाज्मा दे सकता है। इसमें कंप्लीट ब्लड नहीं लिया जाता, न ही किसी प्रकार की कमजोरी आती है। लेकिन, फिर भी लोग आगे नहीं आ रहे।
अभी यह है स्थिति...
- 80 मरीजों ने नहीं किया प्लाज्मा डोनेशन
- 26 फीसदी में नहीं बनी एंडी बॉडी
- शहर में 20 हजार से अधिक पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं, इनमें से 15 हजार से ज्यादा स्वस्थ
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2SDavv5 October 09, 2020 at 06:05AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments