शहर, खासकर बड़ोखर क्षेत्र के बड़े एरिया का वाटर लेवल बढ़ाने में सहायक प्राचीन तालाब का 2 साल में भी न गहरीकरण हो सका न सौंदर्यीकरण। निगम ने 2.5 करोड़ की लागत से तालाब का गहरीकरण कराकर रैलिंग लगाकर प्लेटफॉर्म बनाने व टूरिस्ट प्लेस बनाने के लिए 2 बार प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया। बताया गया है शासन ने नगर निगम का प्रस्ताव तो स्वीकृत कर दिया है, लेकिन राशि प्राप्त नहीं होने के कारण सौंदर्यीकरण का काम अटका है।
नगर निगम बड़ोखर तालाब को टूरिस्ट प्लेस में तब्दील करने की जो योजना बनाई थी उसके अनुसार पूरे तालाब को स्वच्छ कर उसका गहरीकरण किया जाना था। इसके बाद तालाब किनारे नवीन घाट बनाए जाने थे। सैलानियों को चलने के लिए तालाब किनारे फुटपाथ तथा रात को रोशनी के लिए स्ट्रीट लाइट लगवाई जानी है। बड़ोखर तालाब में शहर नालों का पानी जमा हो रहा है। इसलिए सफाई के अभाव में यहां हर तरफ गंदगी पसरी हुई है। कुछ लोग यहां मवेशियों का मल-मूत्र भी डालते हैं। ऐसे में तालाब का पानी दूषित होने की स्थिति में जलीयजीवों सहित मवेशियों की जान को हर समय खतरा बना हुआ है।
नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा इस तालाब की सफाई करना तो दूर, देखरेख करने तक नहीं जाते। इस संबंध में नगर निगम आयुक्त अमरसत्य गुप्ता ने बताया कि बड़ोखर तालाब का सौंदर्यीकरण करने नगर निगम के स्तर पर शासन को 2.5 करोड़ रूपए का प्रोजेक्ट भेजा गया है। इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति मल गई है, लेकिन राशि प्राप्त नहीं हुई है। राशि प्राप्त होते ही तालाब का सौंदर्यीकरण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2Txt7wY October 28, 2020 at 05:18AM https://ift.tt/1PKwoAf
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