झील के पानी की जांच के लिए पीएचई लैब भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आ गई है। जिसमें पाया गया है कि झील के पानी में टर्बिलिटी (मटमैलापन) 82.4 जेटीयू है, जो कि 2.5 होनी चाहिए। इसका पीएच भी 8.8 है, जो सामान्य से अधिक है। डिसाॅल्व साॅलिड 335 मिग्रा प्रति लीटर है।
इसी प्रकार क्षारीयता 140 मिग्रा प्रति लीटर है। जिससे पता चलता है कि झील का पानी अत्यधिक प्रदूषित होने के कारण किसी भी उपयोग के लिए उचित नहीं है। ऐसे में इसे पूरा खाली कराया जाना आवश्यक है। लाखा बंजारा लेक रिजुवनेशन एंड डेवलपमेंट के तहत चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण अधिकारियों द्वारा किया गया।
इसके तहत बस स्टैंड से संजय ड्राइव होते हुए मोंगाबंधान तक झील में मिलने वाले चिन्हित नालों की शीघ्र टैपिंग कराने व एसटीपी निर्माण कराने के निर्देश लेक एजेंसी के इजीनियरों को दिए गए। गौरतलब है कि झील का पानी निकासी का कार्य ग्रेविटी के माध्यम से लगभग 70% तक पूरा हो चुका है, आगे भी ग्रेविटी के माध्यम से जल निकासी के लिए प्रयास किए जा रहे हैंं।
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