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अस्थाई स्टाफ ने की हड़ताल, सीएमएचओ ने कहा- 24 घंटे में लौटो वरना बाहर कर देंगे

नियमितिकरण या संविदा नियुक्ति की मांग को लेकर कोराेना वायरस संक्रमण के दौरान नियुक्ति कर्मचारी गुरुवार को हड़ताल पर चले गए। इससे मेडिकल कॉलेज वायरोलॉजी लैब सहित मरीजों की कोरोना सैंपलिंग व आइसोलेशन वार्ड के काम प्रभावित हुए। ऐसे में कॉलेज की लैब में टेक्नीशियन के पीपीई किट पहनाने व उतारने के बाद सैनिटाइज कर नष्ट करने वाले अटेंडर से सैंपल टेस्ट का काम कराया गया। हालांकि इस मामले को मेडिकल कॉलेज डीन ने आईसीएमआर के प्रशिक्षण का हवाला देकर किसी भी गलती से इनकार किया।
स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना महामारी के आने पर 6 महीने पहले अस्थाई तौर पर पहले तीन महीने की सेवा शर्त पर 35 मेडिकल ऑफिसर, 36 लैब टेक्नीशियन और 35 स्टाफ नर्स की नियुक्ति की थी। महामारी के प्रकोप को देखते हुए शासन ने इस अवधि को तीन महीने के लिए बढ़ा दिया। सितंबर के अंतिम सप्ताह में शासन ने इस अवधि को एक महीने के लिए बढ़ाया तो कर्मचारी नाराज हो गए। हड़ताल से काम प्रभावित न हो इसके लिए कर्मचारियों के शाम तक काम पर नहीं आने के कारण विभाग ने वैकल्पिक तौर पर स्थाई स्टाफ को ड्यूटी पर लगाया। इसके साथ ही नर्सिंग कॉलेज में फाइनल ईयर की परीक्षा दे चुकी छात्राओं को भी बुलाया है, ताकि स्टाफ की कमी को पूरा किया जा सके। इससे सुबह 10.30 बजे अस्थाई कर्मचारी एकत्र होकर सीएमएचओ से मिलने पहुंचे। लंबे इंतजार के बाद आए सीएमएचओ डॉ.डीएस चौहान ने कार्यालय के नीचे खड़े स्टाफ से बातचीत की, लेकिन ज्ञापन नहीं लिया। उन्होंने कहा संविदा-नियुक्तिकराण की जो मांग है लिख दो, पर यह कभी भी नहीं होगा। पहले तीन महीने तक काम का था।

अभी शायद एक महीने की परमिशन है। उसके बाद वैसे ही निकाल देंगे। लिखकर दे दो मैं गवर्नमेंट को फारवर्ड कर दूंगा, पर नियमितिकरण कभी भी नहीं होगा। ज्ञापन दो लोग हमें देने आना। सीएमएचओ को ज्ञापन देने के बाद कर्मचारी रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां ज्ञापन देने के बाद लौट गए। नर्सिंग हॉस्टल पहुंची अस्थाई स्टाफ से वार्डन ने कहा अपना सामान उठाओ और यहां से निकल जाओ। वार्डन ने गेट पर ताला लगा दिया। जिसके बाद नाराज स्टाफ ने बाहर प्रदर्शन किया। जिला अस्पताल के आरएमओ डॉ.एसएस राठौर की समझाइश और कांग्रेस नेता कुंदन मालवीय, अर्ष पाठक के हस्तक्षेप के बाद नर्सों को सुबह तक के लिए वार्डन हॉस्टल में रहने की अनुमति दी।

कोरोना सैंपल टेस्ट प्रभावित
कॉलेज में 16 लैब टेक्नीशियन में से 14 गए हड़ताल पर

जानकारी के मुताबिक मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब में कुल 16 लैब टेक्नीशियन और 3 वैज्ञानिक पदस्थ है। इसमें गुरुवार को 14 लैब टेक्नीशियन नियमितिकरण एवं संविदा पर नियुक्ति की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए। ऐसे में 3 वैज्ञानिक 3 और कलेक्टर रेट पर रखे लैब टेक्नीशियन के साथ एक लैब अटेंडर ने सैंपल टेस्ट का काम किया। लैब टेक्नीशियन ने बताया लैब अटेंडर से आईसीएमआर में काम कराने का नियम नहीं है। लैब अटेंडर केवल पीपीई किट को उतारने व उसे सैनिटाइज कर सुरक्षित नष्ट करने के लिए पैक करने का काम है। वहीं मेडिकल कॉलेज डीन ने रविवार को लैब बंद करने पर इंचार्ज को नोटिस जारी कर जवाब मांगा। क्योंकि लैब को बंद किए जाने के संबंध में इंचार्ज ने पहले कोई सूचना डीन को नहीं दी थी। डीन डॉ.अनंत पवार ने कहा लैब अटेंडर को आईसीएमआर के तहत प्रशिक्षण दिलाया गया है। वे भी काम कर सकते हैं। लैब में गुरुवार को भी जांच हुई। आइसोलेशन वार्ड में सिविल सर्जन डॉ.ओपी जुगतावत ने स्थाई स्टाफ को ड्यूटी पर भेज दिया था। लैब इंचार्ज को नोटिस देना हमारा इंटरनल मामला है।

^अस्थाई स्टाफ को 24 घंटे में काम पर लौटने का नोटिस दिया है। यदि शुक्रवार सुबह तक काम पर स्टाफ नहीं आया तो उन्हें नौकरी से बाहर कर देंगे। एस्मा भी लगाया जा सकता है।
-डॉ.डीएस चौहान, सीएमएचओ



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Temporary staff strike, CMHO said - return in 24 hours or else will be out


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