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11 दिन बाद खुली मंडी, आज से व्यापारी खरीदेंगे किसान की उपज; .5 प्रतिशत लगेगा मंडी टैक्स, निराश्रित शुल्क सहित मंडी गेट पास का प्रावधान भी समाप्त किया

कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित होने पर 11 दिन बाद कृषि उपज मंडी मे सामान्य कामकाज शुरू हो गया है। उधर व्यापारियों ने भी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी है। किसानों के लिए अच्छी खबर यह है कि बुधवार से मंडी में किसानों की उपज की खरीद शुरू हो जाएगी।

बताया गया है कि संयुक्त मोर्चा मंडी बोर्ड की मांगों को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने आचार संहित हटते ही लागू करने का आश्वासन दिया है, वहीं व्यापारियों की मांगे भी मान ली गई है। यहां बता दें कि मंडी कर्मचारियों व व्यापारियों की हड़ताल के चलते 10 दिन से कृषि उपज मंडी में किसानों की उपज नहीं खरीदी जा रही थी। लेकिन अब हड़ताल समाप्त होने के बाद बुधवार से खरीद शुरू हो जाएगी। वहीं मंडी व्यापारी नए मॉडल एक्ट में किए गए प्रावधानों से नाराज थे। क्योंकि नए प्रावधानों में साफ लिखा है कि उपज पर किसी भी व्यापारी को टैक्स तभी लगेगा, जब मंडी परिसर में उसकी खरीद होगी।

मंडी के बाहर सीधे किसानों से उपज खरीदी करने पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगने वाला है। वर्तमान में मंडी के भीतर 1.50 रुपए प्रति क्विंटल और 0.20 रुपए निराश्रित टैक्स लगता है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष विपिन गोयल केे मुताबिक उनके संगठन की मांग पर सरकार ने निराश्रित टैक्स समाप्त कर दिया है, वहीं मंडी टैक्स भी 1.50 से घटाकर 0.50 प्रतिशत कर दिया है।

समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए 30 तक होंगे पंजीयन
समर्थन मूल्य पर किसानों की उपज खरीदने के लिए 30 अक्टूबर तक पंजीयन किया जाएगा। खरीदी के लिए नागरिक आपूर्ति निगम ने जिले भर में 62 केंद्र निर्धारित किए हैं। यहां बता दें कि इस बार बाजरा की उपज बंपर हुई है। लेकिन हड़ताल के चलते किसान बाजरा को मंडी में समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पा रहा था। लेकिन अब हड़ताल समाप्त होने पर मंडी में बाजरा बेचने का रास्ता साफ हो गया है।

हड़ताल लंबी खींचने से किसानों को हुआ नुकसान
कृषि उपज मंडी में खरीद करने वाले व्यापारी 24 सितंबर से हड़ताल थे। इस हाल में 12 दिन से किसान अपनी उपज को मंडी के बाहर व्यापारियों को कम दाम पर बेचने के लिए मजबूर थे। क्योंकि उन्हें इन दिनों शादी-विवाह अथवा बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे की आवश्यकता है। किसानों की मजबूरी का लाभ उठाते हुए बाहर के व्यापारी किसानों का बाजरा 1100 से 1200 रुपए क्विंटल के भाव से खरीद रहे थे, जबकि मंडी में बाजरा का भाव 1400 रुपए या इससे अधिक है।



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कृषि उपज मंडी कार्यालय में काम करते कर्मचारी।


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