कोविड मरीजों को जिले में ही इलाज मिले, इसके लिए भोपाल स्तर से ही शासन ने हर जिले में नए आईसीयू वार्ड खोले हैं, लेकिन इन्हें चलाने के लिए जिला अस्पताल में डॉक्टर ही नहीं है। नतीजा अब भी यहां से मरीजों को ग्वालियर रैफर किया जा रहा है। ऐसे में न सिर्फ मरीजों की परेशानी बढ़ रही है बल्कि, उनके परिजन को भी परेशानी उठानी पड़ रही है।
2017 में जिला अस्पताल में आईसीयू वार्ड शुरू किया गया, लेकिन यह सिर्फ कागजों में ही शुरू हुआ। हकीकत में इसमें अब तक किसी मरीज को इलाज नही मिला है। क्योंकि जिला अस्पताल में इसके संचालन के लिए एमडी डॉक्टर ही नही है। इस बीच भोपाल स्तर से मिले निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिला अस्पताल में 10 बैड का नया आईसीयू वार्ड कोविड मरीजों के लिए बना दिया है, पर इसका भी संचालन अब तक शुरू नही हो सका है। हालांकि इसके पीछे सीएमएचओ का तर्क है कि इसके एसी काम नही कर रहे हैं। इन्हें रिपेयर कराने के बाद आईसीयू शुरू हो पाएगा, लेकिन हकीकत में अस्पताल में डॉक्टरों की कमी है। ऐसे में यहां इलाज कोविड मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते वर्तमान में भी कोविड मरीजों को गंभीर स्थिति में आने पर ग्वालियर रैफर किया जा रहा है।
कांग्रेस सरकार में जिन 14 डॉक्टर को भेजा गया उनमें से 12 आए ही नहीं
जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी एक बार फिर से कोरोना माहमारी के बीच में मुसीबत बनकर खड़ी हो गई है। कांग्रेस सरकार में जिन 14 डॉक्टरों का यहां तबादला किया गया था, उनमें से 12 डॉक्टर यहां आए ही नही। इनमें ग्वालियर के मुरार, टीकमगढ़, भोपाल सहित प्रदेश के अन्य जिलों में पदस्थ डॉक्टर शामिल है। ऐसे में एक साल बाद डॉक्टरों की कमी को लेकर फिर से कलेक्टर ने शासन को पत्र भेजा है ताकि, आईसीयू व कोविड सेंटरों का संचालन ठीक से हो सके।
जिस डॉक्टर को आईसीयू चलाने की ट्रेनिंग दिलाई उसका ग्वालियर ट्रांसफर कर दिया
आईसीयू चलाने के लिए जिले में तीन मेडीसिन, तीन एनेस्थेटिक डॉक्टर चाहिए। इनके अलावा 6 वार्ड ब्वॉय और 6 स्टॉफ नर्स की आवश्यकता है, लेकिन अस्पताल में एक मात्र मेडीसिन डॉक्टर हैं। जबकि दो ऐनेस्थेटिक डॉक्टर हैं। वहीं तीन साल पहले अस्पताल में बना तीन बेड के आईसीयू में आज तक एक भी मरीज को इलाज नहीं मिल सका है। जिस डॉक्टर को आईसीयू चलाने के लिए ट्रेनिंग दिलाई गई थी। उनका आईसीयू के उद्घटान वाले दिन यानी 12 जुलाई 2017 को ग्वालियर ट्रांसफर हो गया। ऐसे में पुराना आईसीयू अब तक बंद है। ऐसे में पर्याप्त स्टॉफ व डॉक्टरों के न होने के चलते आईसीयू शुरू ही नही हो सकेगा।
सेंट्रल एसी नहीं चल रहा है इसलिए बंद है आईसीयू
कोविड मरीजों के लिए कोविड आईसीयू भोपाल स्तर तैयार कराया गया है। इसे चालू कराने के लिए सिविल सर्जन से चर्चा की है। पता चला है कि तकनीकि खामी और वोल्टेज की समस्या के चलते इसका सेंट्रल एसी चल नहीं पा रहा है। सीएस के द्वारा भोपाल स्तर पर पत्राचार कर दिया गया है। संबंधित कंपनी के टेक्नीशियन से इसे दिखवाया जा रहा है।
डॉ. बीएल यादव, सीएमएचओ, श्योपुर
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2GFvfQ6 October 07, 2020 at 05:29AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments