बिहार के बेगूसराय का एक मामला सामने आया है। यहां मामला कोर्ट में पेशी के लिए लाए गए एक कैदी ने जज से जेल में मिलने वाले खाने की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की। इतना ही नहीं, उसने सबूत के तौर पर न्यायाधीश को रोटियां भी दिखाई और कहा कि इन रोटियों को जानवर भी नहीं खा सकेगा। इसके बाद कोर्ट ने उसकी शिकायत पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
अखबार में लपेट कर लाया था रोटी
रिपोर्ट के अनुसार, जब रामजप्पो यादव नाम का यह कैदी पेशी के लिए अदालत
पहुंचा तो उसने जज के सामने जेल में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता को लेकर
शिकायत की। उसने जज को जेल की रोटी भी दिखाई, और कहा कि सर ये वही रोटियां
हैं जो मुझे रात में खाने को दी गई थीं। यह ऐसी है जिसे कोई जानवर भी नहीं
खाएगा। उसने आगे कहा कि जेल प्रशासन की ओर से कैदियों को या तो कच्ची
रोटियां दी जाती हैं या फिर जली-भुनी।
रोटी जेल से बाहर कैसे आई?
कोर्ट हाजत में डीएलएसए (DLSA) के सचिव ने कोर्ट हाजत प्रभारी से पूछा कि
कैदी के पास रोटी कैसे आई? इसके बाद हाजत प्रभारी ने कहा कि जूनियर वकील ने
मुलाकात के दौरान कैदी को खाने के लिए रोटी दी थी। जबकि कैदी ने कहा कि जज
साहब से मैं खुद जेल में मिली रोटी को पेपर में लेपट कर झोले में रखकर
लाया हूं। आपको विश्वास नहीं होता तो जेल में तीन बजे खाना मिलता है। आप
चलकर देख सकते हैं। मेरा वार्ड में भी रोटी रखी होगी।
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