कांग्रेस नेता राहुल गांधी के फर्जी वीडियो मामले में घिरे पत्रकार रोहित रंजन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। रोहित को मंगलवार को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हालांकि, उन्हें शाम को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। रोहित रंजन के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने बताया, जमानत मिलने के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है। इस मामले में उन्होंने तुरंत सुनवाई की मांग की थी।
दोनों राज्यों की पुलिस के बीच हुई थी नोकझोंक
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान को गलत तरीके से पेश करने
के मामले में पत्रकार रोहित रंजन के खिलाफ कई राज्यों में एफआईआर दर्ज कराई
गई थीं। इसमें एक एफआईआर छत्तीसगढ़ में भी दर्ज थी। इसी मामले में मंगलवार
को रोहित को गिरफ्तार करने वहां की पुलिस पहुंची थी। इसकी सूचना मिलते ही
गाजियाबाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। छत्तीसगढ़ पुलिस ने रोहित को कार में
बिठा लिया और चलने ही वाली थी कि इंदिरापुरम थाने की पुलिस पहुंच गई।
दोनों के बीच हुए थे सवाल-जवाब
गाजियाबाद पुलिस ने छत्तीसगढ़ के पुलिसकर्मियों से सवाल किया कि आप लोग कौन
हैं? यहां क्यों आए हैं? जवाब मिला, हमारे पास वारंट है और रोहित को
गिरफ्तार करने आए हैं। हम छत्तीसगढ़ पुलिस से हैं। गाजियाबाद पुलिस ने एक
और सवाल दागा, पुलिसवाले हो तो वर्दी में क्यों नहीं हो और थाने में आमद
दर्ज क्यों नहीं कराई? जवाब मिला, आमद दर्ज कराना जरूरी नहीं। फिर भी अब
सूचना दे रहे हैं।
नोएडा पुलिस की एंट्री
रोहित को पहले छत्तीसगढ़ थाना पुलिस ने कार में बिठा लिया। इसके बाद नोएडा
पुलिस पहुंची तो उसने अपनी कार में बिठा लिया। छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस पर
एतराज जताया और रोहित को जबरन कार में बिठाने की कोशिश की। इस पर दोनों में
खींचतान हुई। रोहित के समर्थन में लोग भी पहुंच गए। उन्होंने छत्तीसगढ़
पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया। इसी दौरान नोएडा पुलिस रोहित को लेकर चली
गई।
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