भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी रमना शनिवार को झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे। मुख्य न्यायाधीश नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (National University of Study and Research in Law) द्वारा आयोजित "जस्ट ऑफ़ ए जज" (Just of a Judge) पर 'जस्टिस एस बी सिन्हा मेमोरियल लेक्चर' का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान रमना ने कहा कि हाल के दिनों में जजों पर शारीरिक हमले बढ़ रहे हैं। जजों को उसी समाज में बिना सुरक्षा या सुरक्षा के वायदे के रहना होता है, जिसमें उनके द्वारा दोषी ठहराए गए लोग रहते हैं।
सेवानिवृत्ति होने के बाद भी राजनेताओं, नौकरशाहों को मिलती है सुरक्षा
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि राजनेताओं, नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और अन्य
जन प्रतिनिधियों को अक्सर सुरक्षा दी जाती है। ये सभी सेवानिवृत्ति हो
जाते हैं फिर भी सुरक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि विडंबना यह है कि
जजों को समान सुरक्षा नहीं दी जाती है।
चीफ जस्टिस एन.वी रमना ने कहा कि मौजूदा समय में न्यायपालिका के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक निर्णय के लिए मामलों को प्राथमिकता देना है। जज सामाजिक वास्तविकताओं से आंखें नहीं मूंद सकते। जज को दबाव वाले मामलों को प्राथमिकता देनी होगी।
'मीडिया कंगारू कोर्ट लगा रहा है'
उन्होंने आगे कहा कि हाल के समय में हम देख रहे हैं कि मीडिया कंगारू कोर्ट
लगा रहा है। इस वजह से कभी-कभी अनुभवी जजों को भी किसी खास मसले पर फैसला
करना मुश्किल हो जाता है। CJI ने कहा कि न्याय से जुड़े मुद्दों पर गलत
सूचना और एजेंडा चलाना स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
'प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से ज्यादा जिम्मेदार'
मीडिया पर सवाल खड़े करते हुए जस्टिस रमना ने कहा कि अपनी जिम्मेदारियों से
आगे बढ़कर मीडिया हमारे लोकतंत्र को दो कदम पीछे ले जा रहा है। प्रिंट
मीडिया में अभी भी कुछ हद तक जवाबदेही है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की कोई
जवाबदेही नजर नहीं आती है।
छुट्टियों के दिन भी काम
रमना ने कहा कि अगले दिन होने वाली सुनवाई के लिए हम कई घंटे पेपर-किताबें
पढ़ने में बिताते हैं। अगले दिन की तैयारी अदालत खुलने के तुरंत बाद शुरू
होती है, और अधिकांश दिन ये मध्यरात्रि से आगे तक चलती है। हम इस दौरान भी
काम करना जारी रखते हैं। शोध करने के लिए हम कई बार सप्ताह के अंत में या
छुट्टियों के दिन भी काम करते हैं। इस दौरान हम अपने जीवन की कई खुशियों से
चूक जाते हैं।
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