उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें उसने पार्टी के एकल नेतृत्व के मुद्दे पर अन्नाद्रमुक की आम और कार्यकारी परिषद की बैठक में किसी अघोषित प्रस्ताव को पारित करने पर रोक लगा दी थी।
जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस कृष्ण मुरारी की अवकाशकालीन पीठ ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली तमिलनाडु के पूर्व सीएम ईके पलानीस्वामी (C.M. E.K. Palaniswami) (EPS) की याचिका पर नोटिस भी जारी किए। पीठ ने कहा, प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए जाएं, जिन पर दो हफ्ते के भीतर जवाब दिया जाए। मामले के तथ्यों तथा परिस्थितियों, मुकदमे के विषय और उच्च न्यायालय के आदेशों को देखते हुए, यह उचित समझा जाता है कि 23 जून 2022 को पारित आदेश के अमल पर रोक लगा दी जाए।
मद्रास उच्च न्यायालय ने 23 जून को आदेश दिया था कि अन्नाद्रमुक की आम और कार्यकारी परिषद बैठक में किसी भी अघोषित प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा सकता है, जिससे संभावित एकल नेतृत्व के मुद्दे पर संयुक्त समन्वयक पलानीस्वामी के नेतृत्व वाले खेमे की गतिविधि पर रोक लग गई थी।
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