रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच फंसे भारतीयों को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने पिछली गलतियों से नहीं सीखा, हमने युद्ध का इंतजार किया। छात्रों को लेकर चिंता है। सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल (Attorney General KK Venugopal) से यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के संबंध में केंद्र सरकार से निर्देश लेने को कहा। कोर्ट ने कहा कि वह माता-पिता आदि के लिए हेल्पलाइन की संभावना पर भी केंद्र से बात करे।
सुनवाई के दौरान, चीफ जस्टिस एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) की अध्यक्षता वाली बेंच ने वेणुगोपाल से बेंगलुरू की रहने वाली फातिमा अहाना और रोमानियाई सीमा (Romanian border) पर फंसे अन्य मेडिकल छात्रों की वापसी सुनिश्चित करने को कहा।
इस पर वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यूक्रेन सीमा पर फंसे याचिकाकर्ता छात्र से संपर्क किया है। यह छात्र अब रोमानिया की सीमा पार कर चुका है। उन्हें आज रात अन्य भारतीयों के साथ विशेष विमान से स्वदेश लाया जाएगा।
सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि यूक्रेन के युद्धग्रस्त इलाकों से अब तक 17 हजार भारतीयों को लाया जा चुका है। इस पर कोर्ट ने कहा कि वह लोगों को निकालने के प्रयासों की सराहना करता है, लेकिन वह लोगों की दहशत को लेकर चिंतित है। मामले की सुनवाई कर रही बेंच में जस्टिस एएस बोपन्ना (Justice AS Bopanna) और जस्टिस हिमा कोहली (Justice Hima Kohli) भी शामिल हैं।
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