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कलानिधि मारन ने स्‍पाइजेट के 600 करोड़ के सेटलमेंट ऑफर को कहा ना, जानिए क्‍यों कंपनी के खिलाफ कोर्ट में लड़ रहे हैं

 SpiceJet to launch 66 new flights in domestic network from March 28 - Check  routes, bookings and more

कलानिधि मारन (Kalanithi Maran) ने स्पाइसजेट (Spicejet) का 600 करोड़ रुपये का सेटलमेंट ऑफर ठुकरा दिया है. स्पाइसजेट के ऑफर (Spicejet offer for Maran) को अस्‍वीकार करते हुए मारन के वकील ने दलील दी कि मामले में बकाया रकम 900 करोड़ रुपये थी, जो ऑफर की गई 600 करोड़ रुपये की रकम से काफी ज्यादा है. अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस एन वी रमण (Chief Justice NV Raman) 2 मार्च को इस मामले की सुनवाई करेंगे.

दयानिधि मारन स्पाइसजेट के पूर्व प्रमोटर हैं. उनके और स्पाइसजेट के बीच शेयर ट्रांसफर से जुड़ा विवाद है जो पहले दिल्‍ली हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. इस मामले के निपटारे के लिए स्पाइसजेट ने मारन को 600 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (10 फरवरी) को मारन की अगुवाई वाले काल एयरवेज को स्पाइसजेट के साथ विवाद निपटाने को कहा था. काल एयरवेज (Kal Airways) स्पाइसजेट की पूर्व प्रमोटर है.

वीरवार को इस मामले में हुई सुनवाई. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्पाइसजेट ने 600 रुपये का सेटलमेंट ऑफर दिया था. स्पाइसजेट ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आर्बिट्रेशन में तय 578 करोड़ रुपये के कुल प्रिंसिपल अमाउंट में से स्पाइसजेट ने पहले ही 308 करोड़ रुपये दे दिए हैं. 270 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी भी डिपॉजिट करा चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने मारन को स्पाइसजेट के 600 करोड़ रुपये के ऑफर पर विचार करने को कहा था.

 

यह है मामला

स्पाइसजेट 2014-15 के दौरान करीब दिवालिया हो गई थी. फरवरी 2015 में कलानिधि मारन ने स्पाइसजेट में अपनी हिस्सेदारी (Shareholding) अजय सिंह को ट्रांसफर कर दी थी. अजय सिंह ने कंपनी की 1,500 करोड़ रुपये की लायबिलिटी अपने ऊपर ले ली थी. इसके लिए उन्होंने एयरलाइन को 2 रुपये का पेमेंट किया था. तब हुए समझौते के तहत मारन और काल एयरवेज ने वारंट और प्रिफरेंस शेयर जारी करने के एवज में स्पाइसजेट को 679 करोड़ रुपये दिए थे. 2017 में दयानिधि मारन ने उन्हें कनवर्टिबल वारंट और प्रिफरेंस शेयर जारी नहीं करने करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि स्‍पाइजेट ने उन्हें पैसे भी नहीं दिए हैं. उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में केस दायर किया.

 

हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने स्पाइसजेट को आदेश दिया कि वह चुकाए जाने वाले 579 करोड़ रुपए पर 243 करोड़ रुपये बतौर बतौर ब्‍याज मारन को दें. फिर मामला सुप्रीम कोर्ट में गया और सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. मारन और काल एयरवेज ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक हटाने की मांग की.

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