देश के 25 हाई कोर्ट में जजों के 450 पद खाली हैं. इतना ही नहीं अभी इनमें से किसी भी हाई कोर्ट में कोई भी महिला चीफ जस्टिस नहीं है. यह जानकारी केंद्र सरकार ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में दी. हालांकि, 2027 में जस्टिस बी.वी नागरत्ना चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनेंगी. वे देश की पहली महिला सीजेआई होंगी.
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने संसद में बताया कि अभी विभिन्न हाई कोर्ट में लंबे अरसे से जजों के खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए हाई कोर्ट कॉलेजियम से आए 164 नामों की सिफारिश पर विचार हो रहा है. रिजिजू ने कहा, इनमें से 55 नाम तो सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश और आपत्तियों के चलते वापस हाई कोर्ट को विचार के लिए भेज दिए गए हैं. बाकी में कुछ खुफिया रिपोर्ट्स या फिर वेरिफिकेशन के चलते लंबित हैं.
जजों की नियुक्ति में SC कॉलेजियम की मुहर जरूरी
संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में दिए गए एक उत्तर में रिजिजू ने बताया कि
इसी साल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 9 और विभिन्न हाई कोर्ट में 118 जजों
की नियुक्ति करके रिकॉर्ड बनाया है. लेकिन नियमों के मुताबिक सरकार हाई
कोर्ट कॉलेजियम से आए नामों में से उन्हीं को जज नियुक्त करती है जिन पर
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम अपनी मंजूरी की मुहर लगा दे. रिजिजू ने ये भी बताया
कि 25 हाई कोर्ट में जजों की स्वीकृत संख्या के मुकाबले 450 पद खाली हैं.
जवाब में कहा, रिकॉर्ड के पन्ने पलटें तो पता चलता है कि देश के सबसे बड़े हाई कोर्ट में से एक इलाहाबाद हाई कोर्ट में 1 अगस्त 2021 तक 66 जजों की कमी थी. यहां जजों की स्वीकृत संख्या 160 है. इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट में कुल 72 के मुकाबले 41 पद खाली हैं. पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में जजों के 39 पद खाली हैं. पटना हाई कोर्ट में 34, दिल्ली हाई कोर्ट में 30, बॉम्बे हाई कोर्ट में 31 और राजस्थान हाई कोर्ट में जजों के 25 पद खाली हैं. इसके अलावा झारखंड हाई कोर्ट में 10 और उत्तराखंड हाई कोर्ट में भी जजों के 4 पद खाली हैं. सबसे ज्यादा खाली पद कलकत्ता और तेलंगाना हाई कोर्ट में है, जहां जजों की अधिकृत संख्या 72 और 42 है लेकिन जजों की रिक्तियां 41 तथा 30 हैं.
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