लव जिहाद (love jihad) के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दस साल की सजा सुनाई है. आरोप सिद्ध होने के बाद अदालत में सजा सुनाते हुए बीस हजार का जुर्माना भी लगाया है. आरोप था कि जावेद नाम के शख्स ने एक नाबालिग लड़की को मुन्ना नाम बताकर प्रेम जाल में फंसाया था, फिर उसको भगाकर निकाह करने की तैयारी में था.
साढ़े चार साल पहले कानपुर के जूही थाने में आरोपी के खिलाफ पॉक्सो, दुष्कर्म का केस दर्ज हुआ था, जिसमें सोमवार को अदालत ने आरोपी जावेद उर्फ मुन्ना को दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुनाई. डीजीसी क्रिमनल दिलीप अवस्थी का कहना है कि कानपुर में लव जिहाद करने वाले आरोपी को ये पहली सजा है. इसमें अदालत ने बीस हजार का जुर्माना भी तय किया है.
नाबालिग लड़की को अपने साथ ले गया था लड़का
ये मामला 15 मई 2017 का है. जूही इलाके की रहने वाली चौदह वर्षीय लड़की को
जावेद उर्फ़ मुन्ना भगा ले गया था. 17 मई 2017 को मुन्ना के खिलाफ एफआईआर
दर्ज कराई थी. मुन्ना को बच्ची के साथ पुलिस ने दो दिन बाद बरामद कर लिया
था. मेडिकल कराने के बाद 164 का बयान कराया गया था. पुलिस ने 363, 366ए,
376 के साथ पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज की थी,
सोमवार को कानपुर के अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार की अदालत ने आरोपी जावेद उर्फ़ मुन्ना को दोषी मानते हुए दस साल की सजा सुनाई. बीस हजार का जुर्माना भी लगाया है. डीजीसी क्रिमिनल दिलीप अवस्थी का कहना है कि जावेद ने मुन्ना बनकर 2017 में बच्ची को अपने जाल में फंसाया था. ये लव जिहाद का मामला था. कानपुर में लव जिहाद के मामले में ये पहली सजा है.
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