बोर्ड परीक्षा में मूल आंसर शीट यानी उत्तर पुस्तिका के पहले और अंतिम पन्ने के बीच लिखा हुआ पुराना आंसर शीट स्टेपल करने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि यह केवल कदाचार नहीं, बल्कि एक रैकेट है। कोर्ट ने पूरे मामले की निगरानी जांच का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने मोहम्मद इरफान की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए निगरानी ब्यूरो के ADG को निर्देश दिया कि पूरे प्रकरण की प्रारम्भिक पड़ताल करें। जो भी कर्मी व अफसर जिम्मेदार पाए जाएं, उन सभी के नाम प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट के साथ सीलबंद लिफाफे में 3 अगस्त तक कोर्ट को प्रस्तुत करें।
मामला पिछले वर्ष दरभंगा स्थित लोहिया चरण सिंह कॉलेज का है, जो बोर्ड (इंटर ) परीक्षा का केन्द्र था। याचिकाकर्ता मो इरफान का आंसर शीट मूल्यांकन के दौरान गड़बड़ पाया गया। बोर्ड ने इरफान की करतूत पर जांच बैठाई और इरफान के फर्जीवाड़े को साबित करते हुए बोर्ड ने न सिर्फ उसके रिज़ल्ट को रद्द किया, बल्कि उसे परीक्षा देने से भी मना किया गया। बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ इरफान इस साल हाईकोर्ट आया।
अगली सुनवाई आगामी 3 अगस्त को
न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने इस फर्जी उत्तर पत्र को
देखकर कहा कि यह सिर्फ परीक्षा में कदाचार का मामला नहीं, बल्कि एक रैकेट
की ओर इंगित करता है। इस मामले की अगली सुनवाई आगामी 3 अगस्त को होगी।
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(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
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