मिजोरम की 61.6 फीसदी महिलाएं और 72.9 फीसदी पुरुष तम्बाकू का सेवन करते हैं
मिजोरम की 61.6 फीसदी महिलाएं और 72.9 फीसदी पुरुष तम्बाकू का सेवन करते हैं, जबकि त्रिपुरा की 50.4 फीसदी महिलाएं और 56.9 फीसदी पुरुष तंबाकू का सेवन करते हैं। यह जानकारी हाल ही में जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-20 (एनएफएचएस -5) में सामने आई है।
इनके बाद मणिपुर का नंबर आता है जहां की 43.1 फीसदी महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं। वहीं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की 31.3 फीसदी, मेघालय की 28.2 फीसदी, असम की 22.1 फीसदी, लक्षद्वीप की 17.5 फीसदी, नागालैंड की 13.7 फीसदी, सिक्किम की 11.7 फीसद, महाराष्ट्र की 10.9 और पश्चिम बंगाल की 10.8 फीसदी महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं। महिलाओं के मामले में देश में हिमाचल प्रदेश, केरल और गोवा की स्थिति सबसे बेहतर हैं जहां की 3 फीसदी से कम महिलाएं तम्बाकू का सेवन करती हैं।
कहां की महिलाएं ज्यादा करती हैं तंबाकू का सेवन
15 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाएं जो किसी भी प्रकार के तंबाकू का सेवन करती हैं (आंकड़ें प्रतिशत में)
कौन करता है तम्बाकू का सबसे ज्यादा सेवन
15 वर्ष और उससे अधिक उम्र की महिलाएं और पुरुष जो किसी भी प्रकार के तंबाकू का सेवन करते हैं (आंकड़ें प्रतिशत में)
ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा खराब है स्थिति
यदि मिजोरम की बात करें तो वहां ग्रामीण महिलाओं की 68.5 फीसदी आबादी तम्बाकू लेती है जबकि ग्रामीण पुरुषों की 77.4 फीसदी आबादी तम्बाकू का सेवन करती है। इसके विपरीत यहां की 56.6 फीसदी शहरी महिलाएं और 69.5 फीसदी शहरी पुरुष तम्बाकू का सेवन करते हैं। इसी तरह त्रिपुरा के गांवों में रहने वाली 52.2 फीसदी महिलाएं और 59.3 फीसदी पुरुष तम्बाकू का सेवन करते हैं।
इसी तरह मणिपुर की 46.6 फीसदी, अंडमान और निकोबार द्वीप की 41.1 फीसदी और मेघालय की 28.5 फीसदी ग्रामीण महिलाएं तम्बाकू लेती हैं। जबकि अंडमान और निकोबार के 66.4, मणिपुर के 62.4, मेघालय के 60.6, त्रिपुरा के 59.3, असम के 53.3 और बिहार के 50.7 फीसदी ग्रामीण पुरुष तम्बाकू का सेवन करते हैं।
शहरी या ग्रामीण, कौन करता है ज्यादा तम्बाकू का सेवन
15 वर्ष या उससे ज्यादा उम्र की महिलाएं जो किसी भी प्रकार के तंबाकू का उपयोग करती हैं (प्रतिशत)
हर साल 80 लाख मौतों के लिए जिम्मेवार है तंबाकू
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, तंबाकू की वजह से हर साल लगभग 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इनमें से लगभग 70 लाख मौतें सीधे-सीधे तंबाकू के सेवन की वजह से होती है, जबकि लगभग 12 लाख ऐसे लोग भी मौत का शिकार हो जाते हैं जो खुद तो इसका सेवन नहीं करते, लेकिन वो तंबाकू सेवन करने वालों के नजदीक होने के कारण बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
देश में तंबाकू सेवन से बढ़ रहे हैं कैंसर के मामले
18 अगस्त, 2020 को नेशनल कैंसर रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (एनसीआरआई) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार देश में 27 प्रतिशत कैंसर के मामले तम्बाकू सेवन के कारण सामने आए हैं। यदि प्रति लाख पुरुषों को देखें तो देश में कैंसर के सबसे ज्यादा मामले मिजोरम के आइजोल में सामने आए हैं। इसके बाद मेघालय में पूर्वी खासी हिल्स और असम में कामरूप, मिजोरम राज्य, अरुणाचल प्रदेश में पापुम पारे जिला, मेघालय राज्य, दिल्ली, केरल का तिरुवंतपुरम जिला और असम में कछार जिला शामिल हैं। इसी तरह महिलाओं में कैंसर के मामलों की बात करें तो सबसे अधिक मामले अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे में पाए गए। इसके बाद आइजोल, मिजोरम, कामरूप, बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद और चेन्नई शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोविड-19 महामारी की वजह से सब कुछ बदल चुका है, आज ऐसा समय है, जब लोगों को तंबाकू का सेवन छोड़ने के लिए प्रेरित होना चाहिए क्योंकि धूम्रपान से सांस सम्बन्धी अनेक बीमारियां होती हैं। साथ ही, धूम्रपान करने वाले लोगों को दिल की बीमारियां, कैंसर, डायबटीज होने का भी बहुत ज्यादा खतरा होता है, जिसके कारण उनके कोविड-19 के गम्भीर खतरे में पड़ने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
एक परिवार, दो दुनिया
भारत में पहली बार हुआ टाइम यूज सर्वेक्षण बताता है कि महिलाओं की मेहनत को अनदेखा किया जा रहा है। ग्रामीण महिलाएं सबसे अधिक काम करती हैं। वे प्रतिदिन 6 घंटे 13 मिनट भुगतान और बिना भुगतान वाले काम करती हैं। वहीं दूसरी तरफ शहरी महिलाएं प्रतिदिन 5 घंटे 33 मिनट काम करती हैं। शहरी क्षेत्रों में पुरुष प्रतिदिन 5 घंटे 21 मिनट काम करते हैं जबकि ग्रामीण पुरुष प्रतिदिन 5 घंटे 9 मिनट काम करते हैं। कुल 85 प्रतिशत महिलाएं किसी ने किसी काम में लगी हैं, जबकि ऐसे पुरुष 73 प्रतिशत हैं
जग बीती: न्याय मांगती बेटियां
source ; downtoearth.
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(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
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