वर्षों से आला रेल अधिकारियों के शोषण का शिकार होते आए पश्चिम मध्य रेलवे के 2653 कर्मचारियों के चेहरों पर वर्ष 2020 के अंतिम दिन राहत भरी जीत की मुस्कुराहट दिखाई दे रही थी। उनकी मुस्कान बता रही थी कि नया साल उनकी जिंदगी में न्याय की नई रोशनी लेकर आया है और गुलामी की जंजीरें टूट गई हैं।
उन्हें अब नए साल के पहले दिन से अब 12 घंटे की बजाय आम रेलकर्मी की तरह 8 घंटे काम करना पड़ेगा। नए साल में मिली जीत का उन्होंने जश्न मनाकर स्वागत किया। ये 2653 कर्मचारी पमरे के तीनों मंडल जबलपुर, भोपाल और कोटा के प्वाइंट्समैन हैं, जिनको काम के बोझ से उबारने के लिए वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ ने लंबा संघर्ष किया है और आखिरकार नए साल में उन्हें वेतन के नियमानुसार काम करना होगा।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mYuyAI January 01, 2021 at 05:12AM https://ift.tt/1PKwoAf
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