कान्ह डायवर्सन पाइप लाइन के लीकेज से निकल रहे दूषित पानी की जल संसाधन विभाग मॉनिटरिंग कर रहा है। इसलिए कि जैसे ही इसका फ्लो कम होगा, लाइन को खोलकर सीमेंट-क्रांकीट से उसका लीकेज बंद करवाया जाएगा। ऐसा इसलिए जरूरी है क्योंकि ये दूषित पानी शिप्रा में नहीं मिले।
19 किमी लंबी पाइप लाइन भूखी माता मंदिर मार्ग स्थित खेत के किनारे 13 दिसंबर को लीकेज हुई थी। इससे इसका दूषित पानी समीप बहने वाले बरसाती नाले के जरिए शिप्रा में मिलने लगा था और अगले दिन सोमवती अमावस्या पर इसी दूषित पानी में श्रद्धालुओं को स्नान करने पर मजबूर होना पड़ा था। हालांकि इस बीच जल संसाधन विभाग ने लीकेज स्थल पर बोरियों का ढेर रखकर दूषित पानी के बहाव को कम करने का प्रयास किया था, लेकिन समस्या पूरी तरह खत्म नहीं हुई थी। इसके बाद से ही जल संसाधन विभाग की टीम लीकेज से निकलने वाले दूषित पानी की मॉनिटरिंग कर रही है।
इसलिए कि जैसे ही दूषित पानी का बहाव-फ्लो कम होगा लाइन को खोलकर सीमेंट-कांक्रीट से लीकेज को बंद करवाया जाएगा। इधर लीकेज के पांच दिन बाद शुक्रवार को दूषित पानी का बहाव पहले से कुछ और कम हुआ था। इससे ये फायदा हुआ कि शिप्रा के रामघाट सहित अन्य प्रमुख घाटों पर पानी लगभग ठीक ही रहा। उसमें कालापन नहीं नजर आ रहा था। इधर इन तमाम परिस्थितियों के बीच संभागायुक्त आनंद कुमार शर्मा ने लीकेज की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कहा कि 21 दिसंबर को जल संसाधन विभाग की समीक्षा बैठक बुलाई है।
इसमें प्राथमिकता के आधार पर कान्ह डायवर्सन पाइप लाइन के लीकेज को सुधारने के संबंध में चर्चा की जाएगी। साथ ही इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए अब तक हुए प्रयासों व प्रस्तावों को लेकर भी बातें होंगी।
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