घरेलू हिंसा का शिकार और परित्यक्ता महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए महिला थाना पुलिस ने एक पहल की है। अब थानों पर पुलिस ऐसी महिलाओं का रिकॉर्ड रखेगी, जिन्हें खुद स्वावलंबी बनना है और वे रोजगार के जरिए आजीविका चलाने की इच्छुक हैं। ऐसी महिलाओं को पुलिस न सिर्फ रोजगार दिलवाएगी बल्कि उनका ख्याल भी रखेंगी। सोमवार को डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने महिला थाने में ‘मां अहिल्या स्वावलंबन’ डेस्क की शुरुआत की और पहले ही दिन तीन महिलाओं को रोजगार भी उपलब्ध करवाया।
जिन महिलाओं को रोजगार दिलाएंगे उनका रिकॉर्ड रखेंगे
डीआईजी ने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा व उन्हें जीवनयापन के लिए नई दिशा देने के लिए इसकी शुरुआत की है। इसमें जिन भी महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा उनका पूरा रिकॉर्ड भी पुलिस के पास होगा। पुलिस ऐसी महिलाओं की काउंसलिंग भी करेगी। उनसे पूछेगी कि रोजगार के दौरान किसी भी तरह की कोई परेशानी तो नहीं है। शुभारंभ के मौके पर एसपी हेड क्वार्टर सूरज वर्मा, एसपी पूर्व विजय खत्री, एएसपी मनीषा पाठक सोनी, महिला टीआई ज्योति शर्मा मौजूद थीं।
थाने पर आई शिकायतों के आधार पर करेंगे मदद
टीआई ज्योति शर्मा ने बताया कि सोमवार को भूरी टेकरी निवासी चंदा जाटव को एक मॉल की पार्किंग में काम उपलब्ध करवाया है। वहीं प्रिया डाकसे को खुद की जीविका चलाने के लिए सांवेर रोड स्थित एक कन्फेक्शनरी में नौकरी दिलवाई है। भारती सूर्यवंशी को सांवेर रोड स्थित एक फैक्टरी में नौकरी दिलाई। यह रोजगार थानों में आई शिकायतों के आधार पर दिलाएंगे। इसमें ऐसी महिलाएं रहेंगी जो परिवार, पति से प्रताड़ित होकर खान-पान के लिए मजबूर हैं।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2VWCmYt December 08, 2020 at 04:53AM https://ift.tt/1PKwoAf
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