शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में घर की छतों से गुजर रहे बिजली के तार से लोगों को हादसे का डर बना हुआ है। जिससे किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है। इन तारों को दुरुस्त करने की मांग को लेकर अब शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी मांग कर रहे हैं। इस संबंध में भास्कर लगातार लोगों की मांग के अनुरूप खबरें प्रकाशित कर रहा है। जिसे लेकर अब बिजली कंपनी हरकत में आई है। बिजली कंपनी के अफसर अब लाइनमैनों को शहर में ऐसे स्थानों को चिन्हित व जानकारी एकत्र करने के निर्देश दे रहे हैं। जिससे हादसा हो सकता है। हालांकि अब भी अफसर इन लाइनों को व्यवस्थित शिफ्ट करने के सवाल पर मौन हैं। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्नसिंह तोमर ने भी निर्देश दिए हैं कि घरों के ऊपर से तार शिफ्ट किए जाएं लेकिन यहां इस आदेश का पालन नहीं हो रहा है।
सनावद बिजली कंपनी के शहर एई रवि शुक्ला ने बताया शहर में फैले तारों को दुरुस्त करने के लिए व्यवस्था की जा रही है। इसके तहत लाइनमैनों को शहर में हादसे होने वाले स्थानों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे संबंधित व्यक्ति को मौके पर पहुंचकर समझाइश दी जाएगी। इन तारों से हादसा न हो इसके लिए बचाव कार्य भी किए जाएंगे। आगामी दिनों में ऐसे स्थानों के तारों को हटाने के लिए रुपरेखा भी तैयार की जाएगी। जिससे लोगों को सुविधा मिल सके। इसके लिए लगातार शहर में निरीक्षण भी किया जा रहा है।
एक स्थान पर सूचना के बाद पहुंची टीम, दी समझाइश - एई ने बताया शहर में ऐसे स्थानों के लिए टीम भ्रमण कर रही है। इसी के तहत पिरानपीर मार्ग पर एक मकान की सूचना मिली थी। जहां मौका मुआयना कर संबंधित परिवार को समझाइश दी है। जहां पर महिला द्वारा बिजली की लाइन के पास ही कपड़े सुखाने का काम किया जाता था। परिवार के सदस्यों ने यहां पर कपड़े न सुखाने का आश्वासन दिया है। इसी प्रकार अन्य स्थानों की भी तलाश कर रहे हंै। हालांकि लोगों का कहना है समझाइश की जरूरत बिजली कंपनी को है कि वे लाइन शिफ्ट करें।
और इधर... बमनगांव में छत से ही गुजर रहे बिजली के तार
बासवा | समीप ग्राम बमनगांव में घर के आंगन में बिजली के तार लटक रहे हैं। जिससे किसी दिन बड़ी दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। किसान रामरतन पिता राजाराम ने बताया मेरे घर के ऊपर खुले 11 केवी बिजली के तार विगत पांच-छह साल से दरवाजे के सामने व छत के बीच से निकाले गए है। जिसकी वजह से हम लोग घर की ऊपरी छत भी नही चढ़ पाते हैं। बारिश के समय में दीवारों में करंट तक आ जाता है लेकिन विद्युत कंपनी की लापरवाही के कारण कोई निराकरण नहीं किया जा रहा है। किसी दिन बड़ा हादसा हाेने का कंपनी इंतजार कर रही है। इस संबंध में कंपनी को पोल शिफ्टिंग के लिए लिखित में आवेदन दे चुके है लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। कड़वाजी ने बताया बच्चे छत पर जाने से भी डरते है। हमें भी डर बना रहता है। अगर कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदार विद्युत कंपनी की होगी।
अब नया तर्क- पोल के लिए स्थान ही नहीं मिलता
बिजली कंपनी के अफसरों की मानें तो कॉलोनियों में छोटी-छोटी गलियों में लोगों ने मकान बनाए हंै। जिससे वहां कई स्थानों पर मकान की छत से तार गुजरने की अधिक समस्या है। अधिक मकान होने के कारण लोगों के छतों से तार गुजर रहे हैं। यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षित स्थानों पर बिजली के पोल लगाने का भी स्थान नहीं मिल रहा है। जिससे कंपनी सहित लोगों को परेशानी हो रही है। जबकि सर्वे किया जाए तो ऐसे स्थान मिलेंगे।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/38Kc7L4 December 30, 2020 at 05:12AM https://ift.tt/1PKwoAf
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