उज्जैन के गोयलाबुजुर्ग गांव में 20 साल के महेश चौधरी ने फांसी लगाकर जीवनलीला समाप्त कर ली। आत्महत्या से पहले उसने मोबाइल के सारा डाटा डिलीट कर दिया था। वह माता-पिता का इकलौता बेटा था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है।
भैरवगढ़ थाने से मिली जानकारी के अनुसार महेश काफी संपन्न परिवार का था। उसके पिता गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। वह अपने परिवार में इकलौता था। संभवत: प्रेम प्रसंग में उसने ऐसा कदम उठाया है। मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम कराने आए परिजनों ने बताया कि महेश सोमवार दोपहर तीन बजे के करीब खेत में गया था। रात नौ बजे तक जब वह घर नहीं आया तो परिजनों ने उसके मोबाइल पर फोन किया। मोबाइल स्विच ऑफ था। हैरान होकर परिजन गांव में महेश की तलाश करने लगे। उसके दोस्तों से भी पूछा लेकिन कोई महेश के बारे में कुछ भी नहीं बता पाया।
गांव के नवल सिंह का खेत भी महेश के खेत के बगल ही है। रात को वह अपने खेत पर गए तो उन्होंने देखा कि पेड़ से किसी युवक की लाश लटकी है। पास जाकर देखा तो वह महेश था। उन्होंने फौरन गांव वालों को जानकारी दी। खबर फैलते ही गांव वालों की मौके पर भीड़ जुट गई। गांव वालों की मदद से महेश के शव को नीचे उतारा गया। अस्पताल लाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उसके पास से मिले मोबाइल को जब परिजनों ने खंगाला तो उसका पूरा डाटा डिलीट था। बस घरवालों के मिस्ड फोन कॉल थे।
अगले साल थी शादी
परिजनों ने बताया कि महेश को किसी चीज की कमी नहीं थी। पिता के नाम काफी जमीन भी थी। वह इकलौता था। उसकी सगाई हो चुकी थी। अगले साल शादी होने वाली थी। किसी को यह समझ में नहीं आ रहा है कि महेश ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया।
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