शहर के सुभाष मार्ग में पुराने तहसील कार्यालय के पीछे की जमीन पर बनाई गई बाउंड्री को राजस्व विभाग ने अतिक्रमण मान लिया है। नजूल के राजस्व निरीक्षक ने अतिक्रमण का प्रकरण बनाकर सहायक कलेक्टर और प्रभारी तहसीलदार आकाशसिंह को भेज दिया। इसके अलावा एसडीएम और एडीएम को भी कॉपी भेजी गई है।
सहायक कलेक्टर ने पूरे प्रकरण की फाइल अपने पास बुलवाई है।
रातोंरात बनाई थी बाउंड्री : जमीन के इस टुकड़े पर 4 तारीख की रात बाउंड्री बनाई गई। पूरी रात काम चला था। तब अफसरों ने नहीं रोका। इस जमीन की रजिस्ट्री जून में हुई थी। नामांतरण के लिए तहसील में आवेदन दिया गया था। 28 नवंबर को तब के तहसीलदार ने नामांतरण की अर्जी खारिज कर दी थी। जांच में ये जमीन सरकारी पाई गई।
ये भी पाया गया कि जिस कॉलोनाइजर ने जमीन बेची थी, वो अपनी पूरी जमीन पहले से ही बेच चुका है। उसके पास अतिरिक्त जमीन नहीं बची थी। इसके पहले मार्च में भी तहसीलदार के प्रतिवेदन में इस जमीन को सरकारी बताया गया था। बाद में एडीएम कोर्ट ने इसे निजी मानते हुए रजिस्ट्री की अनुमति जारी कर दी थी।
जमीन की दूसरी बार हुई थी रजिस्ट्री
इस जमीन की रजिस्ट्री दूसरी बार हुई थी। 2017 में ये पहली बार हो चुकी थी। बताया जाता है पुराने तहसील भवन के पीछे इस जगह रिकॉर्ड रूम था। 2250 वर्गफीट के इस प्लॉट की कीमत गाइडलाइन के हिसाब से ही 48 लाख रुपए से ज्यादा है।
कार्रवाई होगी
^फाइल मैंने बुलवाई है, पूरा परीक्षण होने के बाद कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा भी शहर में दूसरे अतिक्रमण की जांच की जा रही है। पहले भी कुछ जगह की जांच हुई थी, उनका परीक्षण किया जा रहा है।
- आकाशसिंह, सहायक कलेक्टर और प्रभारी तहसीलदार
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3mdGMVW December 11, 2020 at 04:44AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments