पटकुई क्षेत्र में इन दिनों धड़ल्ले से अवैध कॉलोनियां काटने का काम चल रहा है। रेरा रजिस्टर्ड होने की बात तो दूर इन कॉलोनियों के नक्शे तक पास नहीं हैं। बस खेत खरीदे और शुरू कर दी प्लॉटिंग। कोई 700 तो कोई 500 रुपए वर्गफीट रेट पर प्लॉट बेच रहा है।
कॉलोनाइजर कम दामों में लोगों को प्लॉट तो बेच देते हैं, लेकिन खरीदने वालों को इसका खामियाजा बाद में भुगतना पड़ता है। दैनिक भास्कर टीम ने इन अवैध कॉलोनियों की पड़ताल की तो सामने आया कि कोई बिल्डर प्लॉट बेचने के बाद लोगों से डायवर्सन शुल्क भरवा रहा है तो किसी ने बगैर सड़क, सीवर लाइन और पार्क आदि के सारे प्लॉट बेच दिए। किसी भी कॉलोनी में टीएनसीपी के नियमों का पालन होना भी नहीं पाया गया।
एसडीएम पवन बारिया का कहना है कि डायवर्सन के बाद ही कृषि भूमि को किसी अन्य कार्य में इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि डायवर्सन शुल्क लोगों से वसूला जा रहा है तो यह गलत है। हम अवैध कॉलोनियों और कॉलोनाइजर की सूची तैयार की जा रही है। जल्द ही इन पर कार्रवाई होगी।
गोकुल धाम | प्लॉट खरीदारों से मांग रहे डायवर्सन शुल्क
कॉलोनाइजर पिछले चार सालों से बगैर डायवर्सन के ही प्लॉटिंग कर रहा है। इतना ही नहीं जो प्लॉट बिक चुके हैं उनके लिए एक बोर्ड लगाकर प्लाट खरीदने वालों से ही डायवर्सन शुल्क की मांग की जा रही है। जबकि यह जिम्मा कॉलोनाइजर का ही था। वहीं कॉलोनी में सड़क और सीवर लाइन के बिना ही प्लॉट बेचे जा रहे हैं।
फौजी धाम | न नक्शा पास और न ही मूलभूत सुविधाएं
सिर्फ डायवर्सन के नाम पर प्लॉट बेचे जा रहे हैं, जबकि कॉलोनी में न तो सड़कें बनी हैं और न ही पार्क। यहां मौजूद कर्मचारी दूसरे की प्लॉटिंग को अवैध बताकर खुद के प्लॉट 700 रुपए वर्गफीट के हिसाब से बेच रहे हैं। जबकि कॉलोनाइजर न तो रेरा रजिस्टर्ड है और न ही टीएनसीपी से अप्रूव्ड कॉलोनी का नक्शा।
सांवरिया रेसीडेंसी | डायवर्सन के नाम पर हो रही प्लाॅटिंग
कॉलोनी में टीएनसीपी के मुताबिक सड़क और सीवर लाइन का निर्माण नहीं है। केवल डायवर्सन के नाम पर प्लॉट बेचे जा रहे हैं। लोगों को सस्ते दामों पर प्लॉट खरीदने का लालच दिया जा रहा है। कॉलोनाइजर न तो रेरा में रजिस्टर्ड हैं और न ही मूलभूत सुविधाएं इनकी कॉलोनी में नजर आई। केवल झूठे वादे कर प्लॉट बेचे जा रहे हैं।
वृंदावन धाम | फ्लैक्स में बड़े-बड़े वादे, हकीकत में कुछ नहीं
यहां भी खेतों में प्लाटिंग कर डायवर्सन के नाम पर वैध कॉलोनी बताने का खेल चल रहा है। कॉलोनी के बोर्ड पर सड़क, नाली, बिजली और पानी आदि सुविधाओं का हवाला दिया गया है, लेकिन हकीकत में यहां न तो सड़कें बनी है और न ही रोड। पूछताछ करने पर कर्मचारी ने कहा कि जब सभी प्लॉट बिक जाएंगे तब सुविधाएं मिलेंगी।
पटकुई में काटी जा रहीं 30 से ज्यादा कॉलोनी, नियम के मुताबिक एक भी नहीं
पटकुई क्षेत्र में इन दिनों 30 से भी अधिक स्थानों पर कॉलोनियां काटी जा रही हैं। लेकिन कागजों की बात करें तो एक भी कॉलोनाइजर न तो रेरा रजिस्टर्ड है और न ही टीएनसीपी के नियमों के मुताबिक सड़क की चौड़ाई, पार्क और ड्रेनेज। ऐसे में इन कॉलोनियों में प्लॉट लेकर मकान बनाने वालों को भविष्य में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। भविष्य में अवैध कॉलोनियों को वैध भी करती है तो सड़कों की चौड़ाई और ओपन स्पेस आदि टीएनसीपी के मुताबिक न होने के कारण ये कॉलोनियां कभी वैध ही नहीं हो पाती।
पोर्टल पर डायवर्सन रिजेक्ट करने का विकल्प नहीं, अपने आप होता है स्वीकृत
शासन ने पोर्टल में डायवर्सन की प्रक्रिया इतनी आसान कर दी है कि कोई भी व्यक्ति आसानी से भूूमि का डायवर्सन करा सकता है। इसके लिए पोर्टल पर आवेदन करना होता है। यदि एसडीएम ने एक माह के भीतर आवेदन को मंजूरी नहीं दी तो आवेदन खुद ब खुद स्वीकृत हो जाता है। यानी पोर्टल में आवेदन रिजेक्ट करने का ऑप्शन ही नहीं रखा गया है। इसी बात का फायदा उठाकर कॉलोनाइजर खेतों में प्लॉटिंग कर रहे हैं। साथ ही बड़े-बड़े वायदे और डायवर्सन की अनुमति दिखाकर लोगों के साथ ठगी कर रहे हैं।
आप भी ऐसी ठगी का शिकार हुए हैं तो हमें बताएं, भास्कर बनेगा आपकी आवाज
पक्की सड़क, भरपूर पानी, बिजली और गार्डन के साथ विकसित कॉलोनी का सपना दिखाकर धोखा देने वालों को सबक सिखाया जाना चाहिए। महंगे प्लॉट-मकान खरीदने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे लोगों के हक की आवाज बनेगा भास्कर। कॉलोनाइजर-बिल्डरों के धोखे की शिकायत हमें करें। शिकायतों की सत्यता की जांच के बाद भास्कर प्रमुखता से प्रकाशित करेगा और सपनों के लुटेरों पर पुलिस-प्रशासन से कार्रवाई करवाएगा।
सिर्फ वॉट्सएप करें- 9713333078
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