माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड के प्राइवेट विद्यार्थियों के परीक्षा आवेदन जमा करने के लिए बालक उमावि संकुल द्वारा विद्यार्थियों को नागदा, उज्जैन एमपी ऑनलाइन भेजा जा रहा था, जबकि स्कूल को ही आवेदन लेने के निर्देश थे।
स्कूल द्वारा आवेदन नहीं लेने से एक विद्यार्थी परीक्षा फॉर्म जमा करने से वंचित हो गया। जब उसने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की तो पता चला कि आवेदन स्कूल में ही जमा हो सकते थे। मामले की शिकायत जब उच्च स्तर पर पहुंची तो जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा संकुल प्राचार्य को फोन पर शिकायत किसी भी स्थिति में वापस कराने की बात कही गई।
जानकारी के अनुसार छात्र तुषार मोदी जब फार्म भरने नागदा गया तो वहां सर्वर नहीं मिलने से वह फार्म भरने से वंचित रह गया। उसने 12 दिसंबर को शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की। वहां से बताया गया कि उन्हेल व प्रदेश के सभी हायर सेकंडरी स्कूल पर नियमित व प्राइवेट फार्म स्वीकार करने का आदेश बोर्ड ने कई वर्षों से दे रखा है। इसकी जानकारी जब शिक्षा विभाग के जिला स्तरीय कार्यालय के अधिकारियों को लगी तो उन्होंने विद्यार्थी से शिकायत वापस लेने वरना कार्रवाई की चेतावनी दी। संकुल के शिक्षकों ने जैसे-तैसे शिकायत वापस कराई।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3oQ15KD December 15, 2020 at 05:12AM https://ift.tt/1PKwoAf
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