विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा गुरुवार को स्थानीय उत्कृष्ट विद्यालय में मानव अधिकार दिवस मनाया गया। साथ ही विधिक साक्षरता एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों को मानव अधिकार और उनके संरक्षण के बारे में बताया गया।
कार्यक्रम जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में हुआ। अपर जिला न्यायाधीश व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजेश देवलिया ने कहा गरिमापूर्ण मानवीय जीवन के लिए मानव अधिकारों का संरक्षण आवश्यक है। इसके अंतर्गत रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के साथ प्रत्येक नागरिक को जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता, कानून के समक्ष समता, शिक्षा का अधिकार, भोजन का अधिकार है। इसके अलावा प्रताड़ना बेगारी और दासता से संरक्षण का अधिकार निष्पक्ष और शीघ्र सुनवाई का अधिकार भी है।
ये सभी ऐसे मानवीय अधिकार है जिन्हें मानव अधिकारों के रूप में कानून द्वारा संरक्षित किया गया है। संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकार भी मानवीय स्वतंत्रता और उसके जीवन के अधिकार के साथ-साथ उपचार सभी प्रकार के कानूनी संरक्षण की गारंटी देते हैं।
देवलिया ने कहा कोरोना काल में शिक्षा के अधिकार की आवश्यकता ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से काफी हद तक पूरी की जा रही है। शिविर में छात्र-छात्राओं को निःशुल्क विधिक सहायता एवं लोक अदालत की भी जानकारी दी गई। सेवानिवृत्त शिक्षक एमएल फुलपगारे, जयेंद्र बैरागी एवं विद्यालय के अन्य शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। संचालन प्रभारी प्राचार्य महेंद्र खुराना ने किया।
भीड़ से दूर रहें, मास्क पहने
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गौरव प्रज्ञानन ने छात्र-छात्राओं से कहा कोरोना काल में भीड़-भाड़ से दूर रहे एवं सोशल डिस्टेसिंग और मास्क का उपयोग करते रहे। न्यायिक मजिस्ट्रेट अमन सुलिया ने भी संबोधित किया। शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ में भी मानव अधिकार दिवस के अवसर पर ऑनलाइन परिचर्चा हुई। जिसमें पैरालीगल वालेंटियर्स और पैनल लाॅयर्स ने ऑनलाइन जुड़कर भाग लिया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने विद्यार्थियों को अपने घर पर पठन-पाठन करने की सलाह दी।
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