28 साल बाद उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 1 के लाइब्रेरी रूम को नए स्वरूप में तैयार किया जा रहा है। जो स्ट्रांग रूम में तब्दील हो चुका था। यहां बोर्ड और विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिका रखी जाती थी, लेकिन प्राचार्य के.के. अवस्थी ने बंद पड़ी लाइब्रेरी को फिर से नया स्वरूप दिया है। इसके तहत रूम में बंद पड़ी 16 आलमारियों को फिर से खुलवाया गया, जो 1992 से ही ताले में बंद थी।
इन आलमारी को खुलवाने के लिए चाबी के गुच्छे ज्यादा थे, इसलिए प्राचार्य ने चाबी पहचानने के लिए बी.सी. सूर्यवंशी को बुलाया, जो 2019 में रिटायर हो गए थे। इसमें आलमारियों में 500 से ज्यादा किताबें निकली है, जो आउट ऑफ कोर्स हो चुकी है। कुछ महान साहित्यकारों की किताबें हैं, जो आज के विद्यालयों की लाइब्रेरी में उपलब्ध भी नहीं है। इसे फिर से साफ और डेकोरेट कर स्कूल के विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जाएगा।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/33BStz7 December 03, 2020 at 04:57AM https://ift.tt/1PKwoAf
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