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110 साल पहले पौने तीन एकड़ में फैला था, अब एक एकड़ में रह गया

भू-माफिया शहर के 110 साल पुराने दुबे तालाब को खत्म कर कब्जा कर रहे हैं। यह तालाब पहले 2.75 एकड़ का था, जो अब 1 एकड़ का ही बचा है। तालाब के अतिक्रमण को लेकर कई बार शिकायतें भी की गई, लेकिन अफसरों और जनप्रतिनिधियों ने कोई भी कार्रवाई नहीं की। अब यह ऐेतिहासिक तालाब खत्म होने की कगार पर पहुंच चुका है।
रसूखदार तालाब में मलबा और कचरा डालकर सख्त जमीन बनाते जा रहे हैं।

वहीं मालिकाना हक में आने वाली जमीन को बेचकर अधिकांश हिस्से में प्लॉटिंग कर बेच दी गई है। तालाब के उस ओर लगे हुए कॉलोनी के मकान भी तालाब की ओर खिसकते रहे हैं। अफसर अब भी नहीं जागे तो नई पीढ़ी को पता ही नहीं चलेगा कि यहां कभी तालाब था। लोगों के मुताबिक लंबरदार रघुबर दुबे ने तालाब का निर्माण मवेशियों के पानी पीने के लिया कराया था। बीच में गंगा माता का मंदिर भी है, जो जर्जर हो चुका है।

पुराने रिकॉर्ड में तालाब, नए में गायब
जिला प्रशासन के 110 साल पुराने रिकॉर्ड में खसरा नंबर 322 रकबा 2.57 एकड़ तालाब का होकर बाबूलाल के नाम पर दर्ज था, जो धीरे-धीरे गायब हो गया। 1954-55 के रिकॉर्ड में इस खसरे से तालाब शब्द ही हटा दिया। चर्चा है कि इस हिस्से से जानबूझकर तालाब शब्द हटाया है।

रघुवर दुबे ने बनवाया था
पुराने लोगों के अनुसार रघुवर दुबे लंबरदार ने हाथी पाल रखा था। हाथी लाखा बंजारा झील में रोज नहाने जाता था। अंग्रेजों ने लंबरदार पर झील में हाथी नहलाने पर जुर्माना लगा दिया। इसके बाद लंबरदार ने हाथी के नहाने और जानवरों को पानी पिलाने के लिए निजी तालाब बनवाया।

ऐसे बिकते चली गई तालाब की जमीन
लंबरदार के कारिंदों ने जमीन का सौदा कर दिया। राजस्व रिकॉर्ड में खसरा नंबर 323(3)एवं 322 रकबा साढ़े चार एकड़ गोपाल एवं बाबूराम व अन्य ने विधायक शैलेंद्र जैन पुत्र मोतीलाल जैन को बेच दिया। 2008-09 में शैलेंद्र जैन ने इसे जन्मेजय प्रापर्टी एंड डेवलपर्स के अरविंद साहू को बेच दिया।

एसडीएम को सीमांकन के निर्देश दिए हैं
दुबे तालाब में अवैध रूप से मिट्टी डालकर अतिक्रमण करने की शिकायत मिली हैं। जिसके बाद मैंने एसडीएम को तालाब के सीमांकन करने और अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं।
- दीपक सिंह, कलेक्टर सागर

तालाब को अतिक्रमण मुक्त किया जाए
तालाब की जमीन मैंने विधिवत खरीदी थी। बाद में बेच दी। अब जमीन पर कौन प्लाटिंग कर रहा है। मुझे जानकारी नहीं है। जिला प्रशासन से अपील है कि दुबे तालाब के इस अतिक्रमण को मुक्त किया जाए। -शैलेंद्र जैन, विधायक, सागर



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शहर के प्राचीन सार्वजनिक दुबे तालाब की जमीन पर अतिक्रमण है। वहीं खाली पड़ी जमीन पर भी अब धीरे-धीरे अवैध निर्माण होता जा रहा है।


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