जिले में कोरोना का संक्रमण फिर से रफ्तार बढ़ा रहा है। रोज मिल रहे मरीजों की संख्या के साथ ही सैंपल रिपोर्ट से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि सात दिन पहले यहाँ संक्रमण दर 1.5 प्रतिशत थी वह अब 3.2 हो गई है। इससे यह भी माना जा सकता है कि यदि सैंपलों की संख्या बढ़ाई जाए तो उसी अनुपात से मरीज भी बढ़ेंगे।
यह माना जा रहा है कि कई कोरोना संक्रमित जाँच नहीं होने के कारण पहचान में नहीं आ रहे हैं, इनमें कई कैरियर की भूमिका में भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में सतर्कता व कोरोना से बचाव के उपायों का गंभीरता से पालन करना ही समझदारी होगी। दशहरा के बाद अब दिवाली में भी बाजारों में बेफिक्र होकर लोग निकल रहे हैं जोकि परेशानी का सबब बन सकता है।
21 प्रतिशत तक पहुँची थी संक्रमण दर
20 सितम्बर को जिले में प्रति 100 लोगों में 21 कोरोना संक्रमित थे, यह अब तक का सर्वाधिक आँकड़ा है। वहीं संक्रमण की सबसे कम दर 5 नवंबर को 1.5 प्रतिशत थी। अब इसमेें बढ़ोत्तरी उस संभावना को सही साबित करने जा रही है जिसमें 20 नवंबर के बाद बड़ी संख्या में मरीजों के मिलने की बात की गई थी। अगर वैसी स्थिति बनती है तो इसके लिए काफी हद तक जनता की लापरवाही ही जिम्मेदार होगी।
चार दिनों में एक प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
20 सितम्बर को जिले में 1161 कोरोना सैंपलों की रिपोर्ट में 251 पॉजिटिव मरीज मिले थे, तब संक्रमण दर 21.6 प्रतिशत थी। उसके बाद इसमें क्रमश: कमी आई। 5 नवंबर को 1720 सैंपल रिपोर्ट में अब तक के सबसे कम 26 पॉजिटिव मिले थे, इसकी संक्रमण दर भी सबसे कम 1.5 फीसदी रही। बीते चार दिनों में यह 2 प्रतिशत हुई और अब एक अंक का और इजाफा हुआ है।
^लोगाें को सतर्क होने की जरूरत है, ठंड में कोविड की दूसरी लहर आने की संभावना को लेकर इलाज को लेकर हमारी तैयारियाँ हैं। लापरवाही खुद व परिजनों के लिए परेशानी ला सकती है।
डॉ. रत्नेश कुररिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
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