माफिया के खिलाफ प्रदेश सरकार ने जब सख्ती के निर्देश दिए तो ऐसा लगा जैसे चंद दिनों के भीतर दबंगों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्यवाही होगी, आम नागरिक और पीड़ितों को राहत मिलेगी। कुछ वक्त लेकर प्रशासन ने ऐसे रसूखदारों की फेहरिस्त भी तैयार की, लेकिन जब कार्यवाही की बात आई तो महज एक-दो को ही चुना गया। इसके बाद प्रशासन के ही हौसले पस्त पड़ने लगे। अब आलम यह है कि प्रशासन के टारगेट में आने के बावजूद ज्यादातर माफिया का बाल भी बाँका नहीं हो पाया। माढ़ोताल और भानतलैया की कार्यवाही के अलावा कोई भी तीसरा नाम नहीं जिसे माफिया के खिलाफ की गई कार्यवाही में जोड़ा जा सके।
अब तो खुली छूट- आम धारणा यह बनने लगी है कि प्रशासन ने चंद रसूखदारों के खिलाफ कार्यवाही कर अभियान की इतिश्री कर ली है। लिस्ट में शामिल बाकी के खिलाफ कुछ सख्ती नहीं दिखाए जाने से अब ऐसे माफिया के हौसले और बुलंद हो गए हैं। पता चला है कि अधिकारी और राजनीतिक संरक्षण को तवज्जो देते हुए माफिया ने अब अवैध गतिविधियों की रफ्तार दोगुनी कर दी है।
पीड़ित फिर डरे-सहमे
- ज्यादातर माफिया को खुला छोड़ दिया गया है। इससे न तो उनके हौसले पस्त हुए हैं और न ही इनसे शोषित होने वालों को ही कोई राहत मिल पाई है।
- जबरन मकान, कॉम्पलेक्स खाली कराने सहित अन्य अवैध कार्यों में इजाफा हुआ है। माफिया पर न तो एनएसए लगा, और न ही इनकी प्रॉपर्टी पर बुल्डोजर चला है।
- यही वजह है कि प्रशासन की कार्यवाही संदिग्ध होती जा रही है, जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश रहे हैं कि जो भी जिस स्तर का माफिया हो उस पर बगैर संकोच किए सख्ती की जाए।
- पीड़ितों का मानना है कि अब फिर से डराने-धमकाने और मकान-दुकान खाली कराने की धमकी मिलने लगी है। राहत के आसार मानो खत्म होते जा रहे हैं।
- ये हैं विवादित प्रोजेक्ट्स, जिन पर माफिया का सीधा दखल
आशीर्वाद मार्केट
लार्डगंज के समीप स्थित इस मार्केट पर माफिया की लंबे समय से नजर रही है। हाल के दिनों में यहाँ के दुकानदारों को धमकी दी गई, उन्हें डराया गया, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
हाईराइज बन गई
पं. ओंकार तिवारी नगर के पास एकता विहार काॅलोनी में हाईराइज बिल्डिंग बनाई गई है। बिल्डर ने जमीन का मद परिवर्तन करके इसमें बिल्डिंग तान दी है। इस जमीन को लेकर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।
नर्मदा नगर
ग्वारीघाट के समीप नर्मदा नगर में रेलवे की जमीन पर बिल्डर ने काॅलोनी तान दी। वैशाली परिसर में निवेश करने वालों के पैरो तले जमीन खिसक गई, लेकिन बिल्डर के खिलाफ सख्ती भरा एक आदेश तक जारी नहीं किया गया।
विवादित जमीन पर निर्माण
आगा चौक के पास भी एक हाईराइज बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। इस जमीन को लेकर भी विवाद की स्थिति है कि यह बिल्डिंग सरकारी जमीन पर बन गई है। अभी तक लेकिन इस मामले में किसी तरह की कार्यवाही नहीं हुई है।
बराट रोड पर होटल
हाईराइज बिल्डिंग के लिए कदम-कदम पर नियमों की अनदेखी की गई। कानून को तोड़ा-मरोड़ा गया। माफिया के आगे प्रशासन के किसी नुमाइंदे ने सच्चाई जानने में कोई रुझान नहीं लिया, बिल्डिंग तनती चली गई।
बायपास की सरकारी जमीन पर कब्जा
खजरी खिरिया बायपास की कई एकड़ सरकारी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया, बाद में बिल्डिंग भी तान दी। क्षेत्रीय लोगों ने शिकायतें कीं लेकिन आरआई, पटवारी, तहसीलदार ने ध्यान नहीं दिया।
शोभित कॉम्पलेक्स
नगर निगम के समीप शोभित कॉम्पलेक्स में वर्षों से प्रतिष्ठान चलाने वालों को अचानक खाली करने का फरमान सुना दिया गया। बाद में उन्हें प्रताड़ित किया जाने लगा। डराया-धमकाया भी गया।
एक कॉलेज को दबंगों ने खरीदा
सिविल लाइन क्षेत्र में स्थित एक निजी कॉलेज को शहर के दबंगों ने दबाव बनाकर उसे खरीदने की चर्चा है। पता चला है कि जिस भूमि पर यह कॉलेज है वह कई करोड़ों की है, लेकिन दबाव के चलते इसे औने-पौने दाम पर ठिकाने लगाने की कोशिश हुई है। लोगों का कहना है कि यह कॉलेज शहर की पहचान है।
केशरवानी कॉलेज
करोड़ों रुपए में केशरवानी कॉलेज की जमीन का सौदा हुआ। पेमेंट भी कर दी गई, लेकिन रजिस्ट्री अटक गई। शिकायतें हुईं, लेकिन प्रशासन ने इस तरफ नजर तक नहीं डाली।
सरकारी जमीन में हो रही प्लाॅटिंग
दीनदयाल बस स्टैण्ड से आगे ग्रीन सिटी रोड पर एक बिल्डर ने सरकारी जमीन पर भी बाउंड्रीवॉल बनाकर कब्जा कर लिया है और यहाँ प्लाॅटिंग कर भवन निर्माण भी किया
अवैध निर्माण धड़ल्ले से जारी
मेडिकल क्षेत्र की शास्त्री विहार काॅलोनी में एक काॅलोनाइजर द्वारा धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया जा रहा है और प्लाॅटिंग की जा रही है। अभी तक लेकिन न तो कॉलोनाइजर को नोटिस दिया गया और न ही कार्यवाही की जा रही है। जा रहा है। प्रशासन ने यहाँ कार्यवाही की और फिर मामला शांत हो गया।
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