कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष व अपैक्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह के रिश्तेदारों के मैरिज गार्डन पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार को सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरूआत कर दी। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इसे किसी अभियान का हिस्सा नहीं बताते हुए सामान्य कार्रवाई बताया है। गोविंदपुरी तिराहे पर अशोक सिंह के चाचा इंदर सिंह व कांग्रेस के पूर्व पार्षद नरेंद्र सिंह के बालाजी गार्डन पर दाेपहर में अचानक जिला प्रशासन, नगर निगम और पुलिस की टीम बुलडोज़र के साथ पहुंची व गार्डरूम के अस्थाई निर्माण को तोड़ना शुरु कर दिया।
गार्डन के अंदर बने दो मंजिला भवन को तोड़ने की कार्रवाई हंगामा होने पर रोक दी गई। गार्डन मालिकों के एडवोकेट अतिसुंदर सिंह ने अधिकारियों को हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर दिखाया। लेकिन अफसरों ने एक नोटिस देकर कहा कि गुुरुवार दोपहर 12 बजे तक इस निर्माण को खुद हटा लें। वरना प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जाएगी। गार्डन संचालक व उनके वकीलों ने नोटिस लेने से इंकार कर दिया। नोटिस के मुताबिक, गार्डन में सर्वे नंबर 1912 की 5400 मीटर जगह पर कमरे बने हैं। नोटिस में इंदर सिंह व कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह का नाम लिखा है।
5 बड़े अतिक्रमण निशाने पर : जिला प्रशासन ने पुलिस के साथ शहर के पांच प्रभावशाली लोगों के अतिक्रमण हटाने की तैयारी शुरू कर ली है। एक-दो दिन तक यह कार्रवाई जारी रहेगी।
प्रशासन ने कहा-यह एंटी माफिया अभियान नहीं
ये कार्रवाई सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए की गई है और जो हिस्सा अवैध है उसे गुरुवार तक हटाने के लिए कहा गया है। गार्डन संचालकों की संतुष्टि के लिए एक बार फिर सीमांकन करा देंगे। लेकिन अभी कोई एंटी माफिया अभियान नहीं है और न किसी के खिलाफ द्वेषपूर्ण तरीके से कार्रवाई की जा रही।
- कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर
संचालक का आरोप- कार्रवाई राजनीतिक द्वेष से हुई
गार्डन हमारी पुश्तैनी जगह पर पिछले कई वर्षों से संचालित है। सत्ता के इशारे पर काम कर रहे अफसरों को सिर्फ 4 दिन में ही ये जमीन सरकारी नजर आने लगी। राजनीतिक द्वेष के कारण हो रही ये कार्रवाई पूरी तरह गलत है। प्रशासन ने इस मामले में प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया। कोई विधिवत नोटिस देते तो हम दस्तावेजों के साथ उसका जवाब भी देते।
- इंदर सिंह, गार्डन संचालक
एडवोकेट बोले- हाईकोर्ट का स्टे ऑर्डर है
जिस जगह पर अधिकारियों ने गुपचुप तरीके से कार्रवाई की और जहां वे गुरुवार को कार्रवाई करना चाहते हैं, उस पर हाईकोर्ट से स्टे ऑर्डर है। जिसके कागज हमने अधिकारियों को दिखाए। कलेक्टर को भी न्यायालयीन प्रक्रिया से अवगत कराया गया। उसके बाद अधिकारियों ने कार्रवाई रोकी। यदि अधिकारियों ने मनमानी से कार्रवाई की तो उनके खिलाफ अवमानना याचिका दायर की जाएगी।
- अतिसुंदर सिंह, एडवोकेट
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3nzAW24 November 19, 2020 at 05:26AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments