जानकीनाथ बस सर्विस के दो रजिस्ट्रेशन नंबर पर पांच बसें संचालित करने के मामले में जानकारी मिली है कि दोनों बसों के रजिस्ट्रेशन दीनदयाल नगर निवासी हेमलता पति पंकज उदीवाल के नाम जारी हैं। इन्हीं नंबरों पर चल रही दो बसों के रजिस्ट्रेशन नीरज पिता कांतिलाल उदीवाल निवासी दीनदयाल नगर और एक बस शैलेंद्र पिता बच्छराज चोपड़ा भैरूगढ़ (उज्जैन) के नाम दर्ज मिले हैं। बसों के रूट और समय की जानकारी लेने के लिए औद्योगिक क्षेत्र थाना प्रभारी आरएस बर्डे ने परिवहन विभाग को पत्र लिखा है।
विरियाखेड़ी में निर्माणाधीन पेट्रोल पंप के पास खुले मैदान में खड़ी पांच बसों पर एक जैसे दो नंबर लिखे मिले। ट्रैफिक सूबेदार मोनिकासिंह चौहान ने शनिवार को पांचों बसें डीआरपी लाइन में खड़ी करवाई और औद्योगिक क्षेत्र थाने पर सूचना दी। आरोपी हेमलता उदीवाल, शैलेंद्र चोपड़ा और नीरज उदीवाल के खिलाफ छलावा, धोखाधड़ी, कूटरचना, दस्तावेज का दुरुपयोग और शासकीय संपत्ति मुहर के दुरुपयोग की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।
सूबेदार मोनिका सिंह ने बताया कि बसें मैदान में खड़ीं थीं और उन पर रूट नहीं लिखा था। थाना प्रभारी बर्डे ने बताया कि परिवहन विभाग की वेबसाइट पर चेचिस नंबर से चेक किया तो बस एमपी 43 पी 3818 और एमपी 43 पी 4818 के वास्तविक रजिस्ट्रेशन हेमलता के नाम दर्ज मिले हैं। 3818 नंबर के रजिस्ट्रेशन पर मिली दो बसों के असली नंबर एमपी 13 पी 1209 वास्तविक मालिक शैलेंद्र चोपड़ा, तथा एमपी 43 डब्ल्यूए 0818 और वास्तविक मालिक नीरज उदीवाल हैं जबकि 4818 नंबर प्लेट लगी बस का असली नंबर एमपी 13 पी 1201 व वास्तविक मालिक शैलेंद्र चौपड़ा है। जानकीनाथ बस सर्विस द्वारा तीनों बसें फर्जी नंबर प्लेट लगाकर चलाई जा रहीं थीं।
इन प्रश्नों का जवाब परिवहन विभाग से पूछेगी पुलिस
{फर्जी नंबर प्लेट लगी बसें किस रूट पर चल रही थीं?
{बसों के लिए वास्तविक परमिट कब जारी हुए और कब तक वैध हैं?
{बसों के परमिट का रूट और समय क्या है?
{बसों का टैक्स बकाया है या जमा किया है?
{फिटनेस सार्टिफिकेट कब जारी हुआ है? बस परिचालन योग्य है या नहीं?
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