शहर की सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने में नगर निगम के अफसर नाकाम साबित हो रहे हैं। दीपावली के दिन ऊर्जा मंत्री ने सुबह अफसरों को उठाकर जगह-जगह लगे गंदगी के ढेर दिखाए थे, साथ ही चेतावनी दी थी कि सफाई नहीं सुधरी तो वे झाड़ू लेकर उतरेंगे। इसके ठीक चार दिन बाद दक्षिण के विधायक प्रवीण पाठक ने एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है कि सफाई नहीं उतरी तो जनता को साथ लेकर निगम के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने आयुक्त संदीप माकिन को चेतावनी दी है कि यदि सफाई व्यवस्था नहीं सुधरी तो विधानसभा क्षेत्र का कचरा उनके बंगले के बाहर डाला जाएगा।
सफाई व्यवस्था को लेकर निगम के अफसर भले ही गंभीर न हों लेकिन उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के लिए 7 स्टार सिटी का दर्जा लेने की तैयारी शुरू कर दी है। आयुक्त संदीप माकिन ने इसको लेकर पहली बैठक कर सभी जिम्मेदारों को जिम्मेदारी बता दी है।
बाल भवन के ऑडिटोरियम में बुधवार को निगमायुक्त माकिन ने बैठक ली। उन्होंने स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के सर्वे की तैयारियों के लिए कहा कि निगम ने एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) बना लिए हैं। इससे पानी का री-साइकिल होने लगा है। अब वाटर प्लस और इसके बाद 7 स्टार सिटी का दर्जा पाने में जुटना है। सभी संबंधित अधिकारी अपने-अपने स्तर पर स्वच्छ सर्वेक्षण की गाइड लाइन के तहत काम करें।
कोई दस प्वाइंट बता दें, पूरी गुणवत्ता के साथ किए हों
दक्षिण विधानसभा में अमृत योजना के तहत पानी की लाइनें डलने के बाद जगह-जगह सड़कें खुदी पड़ी हैं। विधायक ने खुदी सड़कों के अलावा उनकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े किए। विधायक ने कहा कि ऐसे दस प्वाइंट बता दें। जहां पर गुणवत्ता के साथ पूरा काम किया गया हो। आखिर में तय हुआ कि शाम तक बैठक कर रोड रेस्टोशन काम को चेक कर लिया जाएगा।
विधायक का आरोप- भ्रष्टाचार के अड्डे बने जनमित्र केंद्र
जनमित्र केंद्रों का नाम भ्रष्टाचार केंद्र कर देना चाहिए। आयुक्त संदीप माकिन जी- मैं सच्चाई कह रहा हूं। जब पूरा होमवर्क कर लेता हूं, तभी बात करता हूं। यहां कोई संबंधित अधिकारी बैठा है, तो जवाब दे। आयुक्त ने मोबाइल से फोन कर प्रभारी डाॅ. प्रदीप श्रीवास्तव को बुलाया। वे बैठक में आए। विधायक ने उनसे फिर वहीं शब्द कहे। डाॅ. श्रीवास्तव ने कहा कि पहले शिकायत आईं थी। हमने स्टाफ को बदला ही नहीं, हटा भी दिया है। विधायक ने जनमित्र केंद्रों के संबंध में तत्काल बैठक बुलाने को कहा। इसके साथ ही दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में एक आदर्श जनमित्र केंद्र विधायक निधि की राशि से बनाने को कहा, जो प्रदेश का मॉडल बने।
सफाई व्यवस्था में खामियां
घरों से कचरा एकत्र करने के लिए चलने वाली गाड़ियां सभी क्षेत्रों में नहीं जा रही हैं। ऐसे में न चाहते हुए भी लोग घरों के बाहर सड़क किनारे कचरा फेंकने को मजबूर हैं।
शहर के प्रमुख बाजारों में रात्रिकालीन सफाई का प्रावधान था। यह व्यवस्था लगभग बंद है।
लंबे समय से डंप कचरे को शहर से बाहर पहुंचाने के लिए दो शिफ्टों में काम कराया जाना था। यह व्यवस्था बंद हो गई।
केदारपुर लैंडसाइट बंद होने के कारण कचरे का निपटान नहीं हो रहा है। निगम अमला कचरे को आस-पास के क्षेत्रों में डाल रहा है।
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