इंदरगंज थाने से महज 100 मीटर दूरी बने परिकल्प टाॅवर में बीती रात घुसे दो चोराें ने बिल्डिंग की पहली और दूसरी मंजिल पर स्थित 9 दफ्तरों के ताले चटकाए। इन जगहों से चोरों ने सिर्फ दफ्तरों में रखे रुपए ही चुराए। कहीं से भी मोबाइल और लैपटॉप नहीं ले गए। आशंका है कि चोर पकड़े जाने के डर से लैपटॉप और मोबाइल नहीं ले गए। अगर मोबाइल व लैपटॉप चोरी कर बेचते तो आईएमईआई, आईपी एड्रेस से पुलिस इन तक पहुंच सकती थी।
चोर पूरी तैयारी से आए थे, इनके मुंह पर कपड़ा बंधा था, हाथ में ताला खोलने का आंकड़ा और सब्बल थी। पुलिस को सीसीटीवी कैमरों के फुटेज मिले हैं। हालांकि चोरों के चेहरे स्पष्ट नहीं है, लेकिन कुछ संदेहियों को पूछताछ के लिए राउंड अप किया है।
इनके यहां हुई चोरी
चोरों ने एडवोकेट डीपी सिंह, एडवोकेट प्रदीप गुप्ता, बीएन कंसल्टेंट, बाजौरिया आर्किटेक्ट, वर्मा अकाउंटेंट, रेपिडो बाइक सर्विस, सीए जैसवानी, शर्मा संस व एक अन्य दफ्तर के ताले तोड़े।
रात में गश्त पर निकले पुलिसकर्मियों को चोरी की भनक तक नहीं लगी
थाने के नजदीक एक ही रात में 9 दफ्तरों के ताले टूटने की घटना हो गई, करीब एक घंटे तक चोर बिल्डिंग के अंदर रहे, लेकिन रात में इंदरगंज थाने से गश्त पर निकले पुलिसकर्मियों को भनक नहीं लगी। इससे पहले जयेंद्रगंज स्थित मनीष सेल्स में लाखों रुपए के मोबाइल चोरी हुए थे, उसका कोई सुराग नहीं लगा। पास ही में जिला कोर्ट है, लेकिन फिर भी ऐसी वारदात सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है। चोरी का पता उस समय लगा जब बिल्डिंग की पहली मंजिल पर एडवोकेट डीपी सिंह अपने दफ्तर पहुंचे। यहां उनके दरवाजे के ताले टूटे पड़े थे और अंदर सामान बिखरा पड़ा था।
आसपास भी दफ्तरों के ताले टूटे हुए थे। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। इंदरगंज पुलिस ने एडवोकेट डीपी सिंह की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की है। एडवोकेट डीपी सिंह का कहना है कि बुधवार सुबह करीब 9 बजे मैं अपने दफ्तर पहुंचा। गेट का ताला टूटा पड़ा था। जब अंदर घुसा तो फाइलें जमीन पर पड़ी थीं। टेबल की दराज में रखे 50 हजार रुपए गायब थे। मेरा एक मोबाइल दफ्तर में ही रखा रहता है, उसे चोर नहीं ले गए और न ही लैपटॉप ले गए।
जिन दफ्तरों में रुपए नहीं मिले, वहां से कुछ भी नहीं ले गए चोर
चोरों ने सिर्फ दफ्तरों में रखे रुपए ही चोरी किए। एडवोकेट डीपी सिंह के दफ्तर के सामने ही एडवोकेट प्रदीप गुप्ता का दफ्तर है। उनके दफ्तर में चोर घुसे लेकिन कुछ नहीं ले गए। उनके यहां रुपए नहीं रखे थे। इसके अलावा किसी के दफ्तर से 2 हजार तो किसी के यहां से 5 हजार रुपए चोरी कर ले गए। चोर 9 दुकानों से करीब 1.40 लाख रुपए समेट ले गए। चोरों ने उन्हीं दफ्तरों में चोरी की, जहां शटर नहीं लकड़ी का दरवाजा लगा था।
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