अाचार्य नानालालजी का 21 वां पुण्य स्मृति दिवस एवं व्यसन मुक्ति के प्रणेता रामलालजी का आचार्य पदारोहण दिवस समता भवन में साध्वी शारदाश्रीजी, मनस्वीश्रीजी एवं विशुद्धिश्रीजी के सान्निध्य में स्वाध्याय, तप, त्याग के साथ मनाया। सर्वप्रथम पुच्छीसुणं का जाप किया। आचार्य नानेश चालीसा, रामेश चालीसा के साथ आचार्य नानालालजी की चिंतनमणिया का पाठ किया गया।
साध्वी शारदाश्रीजी ने कहा गुरु संघ के चहुंमुखी विकास के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। संघ के हर सदस्य ज्ञानवान बनें, क्रियावान बनें यही उनका उद्देश्य होता है। गुरु कहते हैं कि किसी भी कार्य को संपन्न करने से पहले उस कार्य के प्रति हमारी सजगता व एकाग्रता होना आवश्यक है। गुरु का आभा मंडल शीतलता लिए हुए होता है। गुरु अनेकोनेक गुणों के भंडार है। उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर जीवन को उन्नत बनाएं।
गुरु शिल्पकार होते हैं
साध्वी मनस्वीश्रीजी ने कहा गुरु शिल्पकार होते हैं। जो आपको हमको तराशकर जीवन को सार्थक बनाने में अपनी महती भूमिका अदा करते हैं। संघ अध्यक्ष विजय कुमार बाफना ने सभी का स्वागत किया। अनिल लूणिया, मनोज व्होरा, किरण भड़क्त्या, सौम्य बाफना ने अपने विचार रखे। निशा व्होरा, प्रेक्षा व्होरा, नेहा पंवार, अदिति गेलड़ा, प्रतिभा श्रीश्रीमाल, कृति श्रीश्रीमाल, आश्वी बाफना, निवी बाफना, हर्षिता व्होरा, सौम्य बाफना, हित व्होरा ने गीतिका के माध्यम से गुरु महिमा का बखान किया। समता महिला मंडल ने लक्ष्मी गाेशाला में गाे ग्रास का लाभ लिया। प्रभावना का लाभ प्रेमचंद मनोज कुमार व्होरा ने लिया। संचालन कृति श्रीश्रीमाल ने किया।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3ez4Vnk November 07, 2020 at 04:59AM https://ift.tt/1PKwoAf
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