शहर में बिजली के स्मार्ट मीटर बुधवार से लगना शुरू हो गए हैं। पहला स्मार्ट मीटर विनोबा जोन के रत्नपुरी में बिजली उपभोक्ता नीरजसिंह राजपाल के यहां लगा। पहले दिन 50 से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगे हैं। इन बिजली मीटर के जरिए ऑटोमैटिक रीडिंग होगी। वहीं आप हर 15 मिनट में बिजली की रीडिंग भी देख सकेंगे। इसी के साथ रतलाम रेडियो फ्रिक्वेंसी स्मार्ट मीटर वाला प्रदेश के दूसरा शहर बन गया है। पहला शहर इंदौर है।
यह सभी मीटर बिजली कंपनी निशुल्क लगाएगी। यानी इसके एवज में आपको बिजली कंपनी को किसी प्रकार की राशि नहीं चुकाना होगी।
ऐसे लगेंगे स्मार्ट मीटर
{शहर के तीनों जोन में एक साथ मीटर लगाए जाएंगे।
{शुरुआत में 1000 मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद एक-एक हजार कर मीटर लगाए जाएंगे।
{यह प्रोजेक्ट एक साल चलेगा और सभी 80 हजार घरों में ये स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।
{पूरी प्रोजेक्ट में 58 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
अगले महीने से इन शहरों में भी लगेंगे स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर सेल के मुख्य अभियंता एसआर बमनके ने बताया इंदौर और रतलाम के बाद अब अगले माह कंपनी क्षेत्र के उज्जैन, महू, खरगोन, देवास में भी स्मार्ट मीटर लगेंगे। ये मीटर रेडियो फ्रिक्वेंसी से चलेंगे। मप्रपक्षेविविकं के एमडी अमित तोमर ने इसके लिए रतलाम के बिजली कर्मचारियों, अधिकारियों को बधाई दी है। स्मार्ट मीटर स्थापना कार्य के शुभारंभ पर इंदौर स्मार्ट मीटर कंट्रोल रूम के अधीक्षण यंत्री डीएस चौहान, अधीक्षण यंत्री एलके सोनेजी, रतलाम शहर कार्यपालन यंत्री विनय प्रताप सिंह, कार्यपालन यंत्री एसटीएम ओपी सैनी, विनोबा जोन के सहायक यंत्री राजन रंगीला, सहायक यंत्री विनोबा जोन टीकेसी एमपी स्मार्ट ग्रिड प्रालि के प्रतिनिधि मौजूद थे।
ये होंगे फायदे
{इन मीटरों के जरिए ऑटोमैटिक रीडिंग हो जाएगी।
{हर पंद्रह मिनट, एक माह, छह माह व सालभर की रीडिंग उपभोक्ता मोबाइल पर ऊर्जस एप के जरिए देख सकेंगे।
{बिजली कंपनी राउटर के जरिए रीडिंग लेगी। इसके लिए बिजली कंपनी बिजली के पोल पर राउटर लगाएगी ताकि रीडिंग ली जा सके।
{शहर में 400 राउटर लगाए जाएंगे। हर राउटर 200 बिजली मीटरों की रीडिंग लेगा।
{कई बिजली उपभोक्ता घरों में सोलर ऊर्जा सिस्टम भी लगा रहे हैं। इससे वे अपने घरों की बिजली इसकी जरिए जलाते हैं। लेकिन कई बार ज्यादा उत्पादन होने यह बिजली कंपनी को सप्लाई की जाती है। लेकिन इसके लिए उपभोक्ताओं को अलग से मीटर लगाना पड़ता है। अब अलग मीटर लगाने की जरूरत नहीं होगी। एक ही मीटर से यह भी चल सकेगा।
{बिजली कंपनी हर महीने मीटर की रीडिंग लेती है। इसके एवज में हजारों रुपए खर्च होते हैं। इससे रीडिंग के एवज में लगने वाली राशि की बचत होगी।
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