(राहुल दुबे) मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने बीएएमएस के बाद एमडी का कोर्स कर रहे डॉक्टरों को बड़ी राहत दी है। पिछले दिनों आयुष मंत्रालय ने व्याख्याता (लेक्चरर) पद के लिए आवेदन मांगे थे। कोरोना के चलते कहीं एमडी की परीक्षा हुई, कहीं बाकी है। इस चक्कर में डॉक्टरों को एमडी की डिग्री नहीं मिली। आयुष मंत्रालय इसके बिना आवेदन लेने को भी तैयार नहीं था। इस पर डॉक्टरों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट ने आयुष मंत्रालय को आदेश दिए कि वह डॉक्टरों के आवेदन पर विचार करे। मंत्रालय ने इंटरव्यू होने के पहले डिग्री हासिल करने की शर्त पर आवेदन लेना शुरू किए हैं। सैकड़ों डॉक्टर की एमडी की डिग्री बाकी है। इस वजह से आवेदन नहीं कर पा रहे थे। डॉक्टरों ने अधिवक्ता आकाश शर्मा के जरिए याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया कि डॉक्टर कोरोना काल में मरीजों का इलाज कर रहे थे।
संक्रमण की वजह से परीक्षा नहीं हो पाई। इस वजह से उन्हें डिग्री नहीं मिली। कई राज्यों में परीक्षा हो चुकी है। कई राज्यों में बाकी है। कम से कम आवेदन तो स्वीकार किए जा सकते हैं। हाई कोर्ट ने मंत्रालय को विचार करने के आदेश दिए थे। अकेले इंदौर शहर में 100 से ज्यादा डॉक्टर ऐसे हैं, जिनको इस पद के लिए आवेदन करना है। कोरोना का इलाज आयुर्वेद के जरिए भी किया जा रहा है। मंत्रालय काढ़ा सहित जड़ी बूटियों से बनी दवा का वितरण भी अस्पतालों में कर रहा है। घर-घर में सरकार ने काढ़ा भी बंटवाया है।
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