नगर में सोमवार को दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। यहां बालक उमावि परिसर में 21 फीट पुतले का दहन होगा। लेकिन अधिकांश लोग इस बार भी नगर से 1 किलोमीटर दूर दशहरा बाबा के मंदिर में पूजन कर परंपरागत रूप से पर्व मनाएंगे। गांधीनगर के 75 वर्षीय प्रभु यादव ने बताया दशहरा बाबा का मंदिर ग्राम इशकपुरा व महेश्वर की सीमा के पास बेड़ी पर स्थित है।
पहले देवी अहिल्याबाई होल्कर की पालकी भी नगर के प्रमुख मार्गों से होकर यहां पहुंचती थी लेकिन 50 साल से यह परंपरा बंद हो गई है। उन्होंने बताया महेश्वर व गांधीनगर के बीच स्थित भैरव मंदिर को ही दशहरा बाबा के रूप में पूजा जाता है। दशहरा पर्व के दौरान नगर सहित आसपास के श्रद्धालु मां साहेब की पालकी देखने यहां पहुंचते थे। कई लोग अब भी दशहरा बाबा मंदिर में पूजन व अस्तरे की पत्तियां चढ़ाने के बाद ही पर्व मनाते है।
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from Dainik Bhaskar https://ift.tt/37I67nk October 26, 2020 at 05:21AM https://ift.tt/1PKwoAf
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