नवरात्र का पर्व शुरू होने में अब 4 दिन का कम समय है। विदिशा में हर साल नवरात्र महोत्सव में 8 से अधिक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन गरबा का आयोजन साल 2019 तक करते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते किसी भी संगठन ने गरबा आयोजन की तैयारी नहीं की है।
नई गाइड लाइन में गरबा की अनुमति भी नहीं मिली है। ऐसे में संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि वे इस बार गरबा का आयोजन नहीं करवाएंगे। अभी तक कार्यकर्ताओं की कोई तैयारी नहीं है। रिहर्सल भी नहीं हुई है। इस कारण पिछले करीब 20 सालों में यह पहला मौका है जब इस बार नवरात्र में कोई भी सांस्कृतिक आयोजन नहीं होगा। मैरिज गार्डन इस महोत्सव में सूने रहेंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए शहर में 35 से अधिक मैरिज गार्डन है लेकिन अभी तक गरबा और अन्य आयोजनों के लिए गार्डनों की बुकिंग नहीं हुई है। इससे गार्डन वाले भी काफी परेशान हैं। उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। आयोजक भी संक्रमण फैलने के डर से भीड़ वाले कार्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं। यही कारण है कि इस बार नवरात्र महोत्सव पिछले सालों की तुलना में फीका ही रहेगा।
गुजराती समाज में पहले घर-घर होता था गरबा
गुजराती कच्छी समाज के कांतिशाह ने बताया कि पहले गरबे का आयोजन समाज के लोग अपने घरों में ही करते थे। साल 2000 के बाद यहां आयोजन सामूहिक तौर पर होने लगा। शुरुआती दिनों में हम भी लियो और लायंस क्लब आदि के साथ मिलकर यह आयोजन करते थे। अब यह समाज का प्रमुख आयोजन होता है। इसके अलावा अग्रवाल समाज के युवा मोहित बंसल ने बताया कि हम महाकाल ग्रुप के साथ जुड़कर गरबा का आयोजन करते थे।
साल 2009 से गरबा करवा रही है ब्राह्मण मैत्री महोत्सव समिति
समाजसेवी सुजीत देवलिया बताते हैं विदिशा में साल 2009 से ब्राह्मण मैत्री समिति ने गरबा आयोजन का शुभारंभ किया था। इसके बाद साल 2019 तक लगातार गरबा चल रहा था। इस बार यह आयोजन नहीं होगा। एकलव्य गरबा ग्रुप से जुड़े वैभव भारद्वाज ने बताया कि इस ग्रुप के प्रमुख कपिल मतानी हैं। इस बार हमारी भी कोई तैयारी नहीं है। पहली बार ऐसे हालात बन रहे हैं। महाकाल ग्रुप के प्रमुख अंकुर ठाकुर ने बताया कि हम लोग साल 2016 से 2019 तक लगातार यह आयोजन करते रहे हैं। इस साल इसकी अनुमति नहीं मिली है।
20 साल पुरानी है गरबा महोत्सव की परंपरा
एकलव्य गरबा ग्रुप से जुड़े वैभव भारद्वाज चीनू और गुजराती कच्छी समाज के कांति शाह बताते हैं कि विदिशा में गरबा आयोजन की परंपरा करीब 20 साल पुरानी है। सन 2000 में लियो क्लब, लायंस क्लब और रोटरी क्लब के सहयोग से गरबा का आयोजन समाज के लोग करते थे। पहले प्रभात दाल मिल परिसर में यह आयोजन होता था। इसके बाद यह गरबा परिणय गार्डन में होने लगा। इसके बाद साल 2003-04 से शहनाई गार्डन में भी गरबे का आयोजन होने लगा था। करीब 5 साल तक वाल कैनोस ग्रुप की ओर से सौमित्र सिलाकारी और मित्र मंडल गरबा करवाता था। साल 2013 से लेकर 2018 तक राज डीजे वाले राजेश्वर विश्वकर्मा भी विदिशा में गरबा करवाते थे।
विदिशा के ये हैं प्रमुख गरबा आयोजित करने वाले संगठन
ग्रुप का नाम - आयोजक
ब्राम्हण मैत्री महोत्सव - सुजीत देवलिया
एकलव्य गरबा ग्रुप - कपिल मतानी
महाकाल गरबा ग्रुप - अंकुर ठाकुर
आराध्या गरबा ग्रुप - सीमा शर्मा
यूनिक गरबा ग्रुप - सौरभ एलिया
गुजराती समाज - कांति शाह
माहेश्वरी महिला मंडल - रेणु माहेश्वरी
अग्रवाल समाज - मोहित बंसल
2 महीने पहले से होती थी तैयारी
ब्राम्हण मैत्री महोत्सव समिति के प्रमुख सुजीत देवलिया बताते हैं कि हर साल करीब 2 महीने पहले से गरबा आयोजन की तैयारी करते थे। इसमें मैरिज गार्डन की बुकिंग, साउंड सिस्टम, गरबा की रिहर्सल, महिलाओं की सुरक्षा, जनरेटर की बुकिंग, लाउड स्पीकर, ड्रेस डिजाइन, विज्ञापन की बुकिंग, कार्यक्रम स्थल पर लगने वाले स्टालों आदि की पहले से ही बुकिंग करनी होती है।
इस बार कोई एडवांस बुकिंग नहीं हुई है। जालौरी मैरिज गार्डन के संचालक ऋषि जालौरी बताते है कि गरबा आयोजन की कोई बुकिंग नहीं है लेकिन दिसंबर से होने वाली शादियों की बुकिंग जरूर मिलने लगी है। इस संबंध में कलेक्टर डाॅ.पंकज ने कहा कि इस बार शासन की गाइड लाइन में गरबा आयोजन को अनुमति नहीं दी गई है।
आराध्या ग्रुप भी तीन साल से लगातार कर रहा है आयोजन
आराध्या महिला ग्रुप से जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता सीमा शर्मा ने बताया कि हमारे ग्रुप में 12 पदाधिकारी हैं। हम पिछले 3 साल से गरबा करवा रहे थे । इसी प्रकार माहेश्वरी महिला मंडल की प्रमुख रेणु माहेश्वरी ने बताया कि हमारा मंडल पिछले 6 साल से गरबा करता रहा है। यूनिक गरबा के प्रमुख सौरभ एलिया भी पिछले 4 सालों से गरबा आयोजन करवाते रहे हैं।
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