ग्राम उपला में सिंचाई विभाग ने 1976 में 4.20 लाख रुपए की लागत से तालाब निर्माण कराया था। 52 हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने वाला यह 44 साल पुराना तालाब रखरखाव के अभाव में क्षतिग्रस्त हो रहा है। कई जगह से पिचिंग के पत्थर उखड़कर नीचे तालाब में गिर रहे हैं। तालाब बनने के बाद से जमा गाद नहीं निकलने से तालाब की जल संग्रहण क्षमता काफी कम हो गई है। तालाब में सालभर पानी नहीं रुक पाता है। साथ ही तालाब की पाल पर बबूल के पेड़ उग आए हैं। इनकी जड़ों की वजह से तालाब की पाल भी कमजोर हो रही है। इससे तालाब में बारिश का रुका हुआ पानी बिना उपयोग के व्यर्थ बह जाता है।
ग्रामीणों ने तालाब में जमा गाद निकालने व पिचिंग को दुरुस्त करने की मांग की है, ताकि तालाब में सालभर पानी रुक सके और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके। साथ ही गर्मी में मवेशियों को भी पानी के लिए भटकना न पड़े। ग्रामीणों ने बताया दिसंबर आने तक तालाब का पानी खत्म हो जाता है। इससे क्षेत्र के किसानों को रबी की फसल की सिंचाई के लिए तालाब से पानी नहीं मिल पाता है। किसानों ने बताया पहले तालाब में सालभर पानी रहता था। इससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिल पाता था। साथ ही गर्मियों में मवेशियों के लिए भी पानी की किल्लत नहीं होती थी लेकिन कई सालों से तालाब में जमा गाद नहीं निकाली गई है। इससे तालाब की जल संग्रहण क्षमता कम हो गई है।
किसानों ने कहा- तालाब में 10 साल से नहीं रुक रहा पानी
किसान प्रेमसिंह, भायला, अकाराम, सखाराम ने बताया तालाब से सिंचाई के लिए निकली नहर भी जगह-जगह से उखड़ गई है। लोगों ने बताया करीब 10 साल से तालाब में पानी नहीं रुकने के कारण नहर में पानी नहीं छोड़ा जाता है। इससे तालाब से सिंचाई के लिए निकली 3 किमी लंबी नहर भी रखरखाव के अभाव में कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गई है। लोगों ने तालाब, तालाब का गेट व नहर को दुरुस्त करने की मांग की है। ताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके।
दो साल पहले तत्कालीन कलेक्टर ने की थी पहल
2 साल पूर्व तत्कालीन कलेक्टर तेजस्वी एस नायक ने जिले में जल संरक्षण के लिए जल संरचनाओं का गहरीकरण कार्य शुरू करवाया था। इसमें जल संरचनाओं पर कार्य होना था। गहरीकरण के लिए उन्होंने क्षेत्रवार नोडल अधिकारी नियुक्त किए थे लेकिन बारिश के पूर्व तालाब का गहरीकरण करने के कोई प्रयास नहीं किए गए। ऐसे में बारिश का पानी तालाब से फिर बह जाएगा। लोगों को इस बार फिर तालाब का लाभ नहीं मिलेगा। जिम्मेदारों ने पिछले साल तालाब के गहरीकरण का दावा किया था।
पिचिंग उखड़ने से हो रहा पानी का रिसाव
तालाब की पिचिंग उखड़ने से पानी रिसने लगा है। लोगों ने तालाब की गाद निकालने व गहरीकरण करने की मांग की है।
लोअर गोई से लिफ्ट करें पानी
क्षेत्र के उपला, सावरदा व सिदड़ी के किसानों ने जनप्रतिनिधियों से मांग की है कि लोअर गोई बांध के बैकवाटर को लिफ्ट कर पानी से इस बांध को भरा जाए। किसानों ने बताया कि शासन द्वारा योजना बनाकर पानी तालाब में भरा जाए। इससे यहां सालभर पानी रहेगा। साथ ही किसान भरपूर सिंचाई कर सकेंगे। अच्छी सिंचाई होने से यहां के किसान केला, गन्ना और अन्य फसल ले सकेंगे। किसानों ने बताया इस योजना को लेकर क्षेत्रीय विधायक चंद्रभागा किराड़े से मिलकर करेंगे। उन्होंने बताया विशेषज्ञों की राय से ग्राम झाड़ कोहला के पास पंपिंग स्टेशन बनाकर पानी लिफ्ट किया जा सकता है। इस योजना से क्षेत्र के किसानों को फायदा मिलेगा।
तालाब का गहरीकरण और मरम्मत कराने की मांग की
तालाब के ऊपरी हिस्से से जंगल लगा है। गर्मी में तालाब में पानी नहीं होने से जंगली जानवर गांव में आ जाते हैं। इस कारण जंगली जानवरों के द्वारा मवेशियों पर हमला किया जा रहा है। किसानों ने कहा बड़ा तालाब होने के बाद भी हमें इसका फायदा नहीं मिल रहा है। उन्होंने शासन से मांग की है कि तालाब का गहरीकरण व मरम्मत की जाए ताकि क्षेत्र के किसानों को इसका फायदा मिल सके।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3m9xb2G October 24, 2020 at 05:18AM https://ift.tt/1PKwoAf
0 Comments