सैनिटाइजेशन, मास्क और थर्मल स्कैनर। यह सब इंतजाम भी विद्यार्थियों को स्कूल लाने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। छह महीने बाद खुले स्कूल की कक्षाएं अब भी खाली हैं। प्रदेश सरकार ने 21 सितंबर से पहले चरण में 9वीं से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए स्कूल खोले थे। एक सप्ताह बाद भी पालक बच्चों को स्कूल भेजने से बच रहे हैं। आनॅलाइन क्लासेस अब भी ऑफलाइन पर भारी है।
हालांकि ऑनलाइन में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पालक बच्चों के नोट्स लेकर स्कूल पहुंच रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि शुरुआत में विद्यार्थियों ने स्कूल आना शुरू कर दिया था लेकिन अब उनकी संख्या भी कम हो रही है।
दशहरा मैदान के कन्या उमावि स्कूल में गिनती की छात्राएं उपस्थिति दर्ज करवा रही हैं। शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन में जिनके कांसेप्ट क्लियर नहीं हैं, ज्यादातर वही छात्राएं स्कूल पहुंच रही हैं।
पालकाें की लिखित सहमति तो मिली लेकिन विद्यार्थियों की उपस्थिति नहीं बढ़ी। हर क्लास में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा जा रहा है। संस्कार पब्लिक स्कूल में पालकों को ऑनलाइन शिक्षा के खर्च से बचाते हुए तीन माह से ऑफलाइन नोट्स देकर पढ़ाई करवा रहे हैं। कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों के माता-पिता होमवर्क लेने आते हैं। 9वीं से 12वीं के विद्यार्थी स्वयं या पालकों के माध्यम से होमवर्क लेते हैं। अपनी कॉपियां स्कूल को देते हैं।
40 मिनट का लेक्चर 2 मिनट के वीडियो से समझाया प्राचार्य ने इसे बनाने के लिए एक सप्ताह सीखा एनीमेशन
तीन महीने बाद पहली बार कॉलेज की हर क्लास के शिक्षकों ने पढ़ाया विद्यार्थियों ने घर बैठे पूछे सवाल
हाय फ्रेंड्स, माई नेम इज डॉ. हरीश व्यास। आई एम दी प्रोफेसर ऑफ बॉटनी। वाट इज बॉटनी। बॉटनी इज माेस्ट ब्यूटीफूल साइंस ऑफ प्लांट। यह उस वीडियो का हिस्सा है जिसे कालिदास कॉलेज के प्राचार्य ने बनाया है। उनका कहना है कि 40 मिनट का लेक्चर उन्होंने 2 मिनट के वीडियों में समेटने का प्रयास किया है।
इसी वीडियों के जरिए वे ऑफलाइन 40 मिनट तक पढ़ा सकते हैं। खास यह है कि इसे उन्होंने खुद तैयार किया है। इसे बनाने में उन्हें एक सप्ताह लगा। इसके लिए उन्होंने खुद एनीमेशन का शॉर्ट कोर्स भी किया। उनका कहना है कि विद्यार्थियों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए यह प्रयोग किया है। उम्मीद है इससे विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी।
स्कूलाें की तर्ज पर गुरुवार से कॉलेज में ऑनलाइन क्लासेस की शुरुआत हो गई। तीन महीने बाद पहली बार कॉलेज की हर क्लास के विद्यार्थियों को शिक्षकों ने पढ़ाया। कॉलेज के स्थानांतरण के बाद पहली बार हर क्लास लगाई। डॉ. व्यास के अनुसार इसके लिए कॉलेज के सभी विद्यार्थियों कॉलेज से लिंक भी भेजी गई थी।
20% विद्यार्थियों ने ही दर्ज कराई उपस्थिति, अधिकांश को लिंक ही नहीं मिल सकी
कॉलेज की ऑनलाइन क्लास में पहले दिन गुरुवार को महज 20 फीसदी विद्यार्थियों ने भागीदारी की। इसकी सबसे बड़ी वजह लिंक नहीं मिलना बताई जा रही है। माधव कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मंसूर खान ने बताया पहला दिन होने से विद्यार्थियों में कम्युनिकेशन नहीं हो पाया। उम्मीद है एक सप्ताह में उपस्थिति 60 फीसदी से ज्यादा हो जाएगी। कालिदास कॉलेज में 40 फीसदी उपस्थिति की बात कही जा रही है।
उत्कृष्ट विद्यालय में 25 विद्यार्थी ही आ रहे, उनकी भी 12 बजे छुट्टी, परेशानी वाट्सएप ग्रुप में शेयर करने को कहा
उत्कृष्ट विद्यालय में महज 25 विद्यार्थी अपनी उपस्थिति दे रहे हैं। प्रभारी प्राचार्य वसंधुरा व्यास ने बताया ऑनलाइन पढ़ाई के साथ विद्यार्थियों को स्कूल में पढ़ाई का वातावरण मिले, इसके लिए पहले पालकों से सहमति ली। क्लासेस भी शुरू कि लेकिन ज्यादा विद्यार्थी नहीं आ रहे। उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी आने पर वाट्सएप ग्रुप में शेयर करने को कहा है।
लोकमान्य तिलक में प्रवेश के लिए पूछताछ ज्यादा, विद्यार्थी कम आ रहे
लोति स्कूल में अब भी प्रवेश के लिए पालक पूछताछ करने पहुंच रहे हैं। प्राचार्य संगीता पाटकर ने कहा क्लासेस लग रही हैं। ऑनलाइन पढ़ाई में भी हर विद्यार्थी पर ध्यान दे रहे हैं। सैनिटाइजेशन के बाद ही बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है।
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