12 दिन तक चली हड़ताल के बाद बुधवार को प्रदेश की सभी 272 मंडियां खुल गईं। भोपाल की करोंद स्थित प्रमुख कृषि उपज मंडी में बुधवार को कुल 2000 क्विंटल फसल की आवक रही। सोयाबीन 3500 रुपए क्विंटल तक बिकी। मंडी व्यापारी संघ के अध्यक्ष हरीश ज्ञानचंदानी ने बताया कि किसानों को हड़ताल खत्म होने की खबर अखबारों से मिली। इसलिए बड़ी संख्या में किसान उपज लेकर नहीं आ पाए, लेकिन गुरुवार को आवक चार गुनी हो सकती है।
सरकार को मंडियों से मिलने वाला राजस्व घटकर एक तिहाई रह जाएगा
मंडी टैक्स घटने के बाद राजस्व कम मिलने की संभावना के कारण मंडियों में व्यवस्थाएं प्रभावित होना शुरू हो गई हैं। मंडियों में काम करने वाले प्राइवेट सुरक्षा अधिकारी और कांट्रेक्ट कर्मचारियों की संख्या कम की जा रही है। मंडी कर्मचारियों का कहना है कि किसानों को इस नियम से लाभ होगा या नुकसान यह तो आगे पता चलेगा, लेकिन सरकार के खजाने पर इसका असर पड़ने लगा है। वित्तीय संकट से जूझ रही राज्य सरकार को मंडियों से मिलने वाला राजस्व घटकर एक तिहाई ही रह जाएगा।
ज्यादातर फसल खराब- किसान राजेश मीणा ने बताया कि सोयाबीन की ज्यादातर फसल खराब हो चुकी है, जो थोड़ी बहुत फसल बची हुई थी। उसे वे मंडी में ही बेचना चाहते थे। बाहर इसके दाम कम थे।
आज मंडियों में यह रहे दाम
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