(संजय गुप्ता) सांवेर विधानसभा चुनाव का इतिहास रहा है कि यहां जितने अधिक प्रत्याशी मैदान में होते हैं, मुकाबला उतना ही कड़ा होता है। मतगणना के अंतिम दौर में ही प्रत्याशी की हार-जीत तय हो पाती है। सांवेर विधानसभा सीट का पहला चुनाव 1962 में हुआ था, तब से अब तक 14 चुनाव हो चुके हैं। इसमें से दस में हार-जीत का फैसला चार हजार से भी कम वोटों का रहा है। वहीं अब तक चार चुनावों में अधिकतम 11 प्रत्याशी मैदान में रहे हैं। 2018 में हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे तुलसीराम सिलावट को 96 हजार 535 वोट मिले थे। भाजपा प्रत्याशी डॉ. राजेश सोनकर को 93 हजार 590 वोट मिले थे। इस तरह सिलावट को महज 2945 वोटों से जीत मिली थी। तब 9 प्रत्याशी मैदान में थे। बसपा को 2844 वोट मिले थे, वहीं नोटा को 2591 वोट मिल गए थे। शेष अन्य प्रत्याशियों को 3986 वोट मिले थे।
1970 में हुई थी सबसे कम 27 वोट से हार-जीत, कांग्रेस जीती थी
सबसे कम वोट की हार-जीत 1970 में हुई थी। तब कांग्रेस के सज्जन सिंह विश्नार ने जनसंघ के बाबू गोविंद को 27 वोट से हराया था। सबसे अधिक वोट की जीत 2003 में हुई थी। तब भाजपा के प्रकाश सोनकर ने कांग्रेस के राजेंद्र मालवीय को 19 हजार 637 वोट से हराया था।
दस हजार वोट से अधिक दो जीत, दोनों ही भाजपा के खाते में दर्ज है
सांवेर सीट पर दो बार 10 हजार और इससे अधिक वोटों से जीत हुई। दोनों बार भाजपा प्रत्याशी जीते। 2003 में प्रकाश सोनकर 19 हजार 637 वोट से जीते थे तो 2013 में डॉ. राजेश सोनकर ने तब के कांग्रेसी प्रत्याशी सिलावट को 17 हजार 583 वोट से हराया था।
गुड्डू और सिलावट का सांवेर में रिकॉर्ड
कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू ने सांवेर से 1998 में एक ही चुनाव लड़ा था। इसमें उन्होंने प्रकाश सोनकर को 3444 वोट से हराया था। वहीं सिलावट यहां से कुल छह चुनाव (साल 1985 से 2018 तक) लड़ चुके हैं। इसमें तीन में जीत और तीन में हार मिली है। सिलावट पहली बार भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। सिलावट की यहां सबसे बड़ी जीत 1985 में 3544 वोट की हुई थी। दो अन्य जीत भी 3417 और 2945 वोट से हुई थी।
प्रत्याशी आज दोपहर 3 बजे से पहले करा सकते हैं नाम वापसी
नाम वापस लेने के लिए सोमवार सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक का समय है। अभी तक 14 प्रत्याशियों द्वारा नाम दाखिल किए गए हैं। इनमें भाजपा, कांग्रेस के साथ ही बसपा, जनता दल, सपाक्स और अन्य दल व निर्दलीय प्रत्याशी हैं। नाम वापस नहीं होते हैं तो इन 14 प्रत्याशियों के लिए सांवेर के 2 लाख 64 हजार वोटर तैयार हैं।
गुब्बारों के जरिए अधिक से अधिक मतदान की अपील, 60 मतदान केंद्रों पर मतदाताओं के लिए रेड कारपेट बिछाया
कोविड के दौर में अधिक वोटिंग के लिए प्रशासन द्वारा नए-नए तरीके ढूंढ़े जा रहे हैं। महिलाओं ने पीली साड़ी पहनकर पीले चावल घर-घर देकर मतदान का आग्रह किया। अब मतदान केंद्रों पर गुब्बारे लगाए जा रहे हैं। इन गुब्बारों पर 3 नवंबर को मतदान करने के संदेश लिखे हैं। वहीं 60 मतदान केंद्रों को आदर्श मतदान केंद्र के रूप में विकसित किया है, जहां मतदाताओं के लिए रेड कारपेट बिछाया है।
मतदान केंद्र पर ड्यूटी करने वालों को कोविड से बचाव के सभी तरीके बताए हैं। उन्हें पीपीई किट, मास्क, ग्लव्ज आदि दिए जाएंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी व कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा है कि मतदाताओं को हम भरोसा दिला रहे हैं कि कोविड के दौर में सुरक्षित चुनाव होंगे। बचाव के पूरी तरीके अपनाएंगे, इसलिए मतदाता बिना डर, भय के वोट डालने आएं।
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